केरल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लै की मिजोरम के 15वें राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति को लेकर कांग्रेस और राज्य के सर्वोच्च छात्र संगठन मिजो जिरलाई पॉल (एमजेडपी) ने तंज कसा है। कांग्रेस और एमजेडपी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को केरल के भाजपा नेताओं का ‘डंपिंग ग्राउंड’ बना दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार रात में पिल्लै को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया था।
राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि पिल्लै अपने पद पर कब शपथ ग्रहण करेंगे। उनकी नियुक्त के बाद कांग्रेस और एमजेडपी की तरफ से इस कारण तंज कसा गया, क्योंकि पिल्लै इस पद पर नियुक्ति पाने वाले केरल भाजपा के दूसरे अध्यक्ष हैं।
उनसे पहले मिजोरम के राज्यपाल के तौर पर तैनात रहे के. राजशेखरन भी 2015 से 2018 तक भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष रह चुके थे। राजशेखरन ने लोकसभा चुनावों में भगवा दल के उम्मीदवार के तौर पर उतरने के लिए 8 मार्च को मिजोरम में राज्यपाल के तौर पर अपने 10 महीने लंबे कार्यकाल के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।
पिल्लै की नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता लाललियानछुंगा ने कहा, भाजपा मिजोरम के लोगों को प्रभवित करने में विफल रही है, इस कारण वह राज्यपालों के जरिए राज्य की सत्ता में बैकडोर से प्रवेश की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ, एमजेडपी अध्यक्ष एल. रामदीनलियाना रेंथेलेई ने कहा, छात्र संगठन ‘स्थायी राज्यपाल’ की नियुक्ति का स्वागत करता है, लेकिन संगठन नहीं चाहता कि राज्य का उपयोग ‘राज्यपालों के डंपिंग ग्राउंड’ के तौर पर किया जाए। उन्होंने कहा, हम नहीं चाहते कि आइजॉल का राजभवन राजनेताओं की म्यूजिकल चेयर बन जाए।