नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेनाओं के साथ हिंसक झड़प के बाद चीन को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब दिया गया। वहीं आर्थिक और अन्य मोर्चे पर भी उसके खिलाफ मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार ने 59 चाइनीज मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउसर, शेयर इट और अन्य चाइनीज एप शामिल हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से कहा था कि या तो चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया जाए या लोगों को इनका इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाए, क्योंकि इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है।
सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत इन चीनी ऐप्स को बैन किया है। सरकार के मुताबिक, ये ऐप्स जिन गतिविधियों में शामिल हैं, उनसे भारत की सुरक्षा, सम्प्रभुता और एकता को खतरा है।
पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं। इनमें कहा गया था कि इन ऐप्स से सम्प्रभुता और एकता को खतरा है।
सूचना मंत्रालय को मिल रही शिकायतों में कहा गया था कि एंड्राॅयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे।
भारत की सिक्युरिटी और डिफेंस के लिए इस तरह से जमा किए गए डेटा का दुश्मनों के पास पहुंच जाना चिंता की बात है। यह भारत की एकता और सम्प्रभुता के लिए खतरा है। यह बेहद गहरी चिंता का विषय है और इसमें तुरंत कदम उठाना जरूरी था।
इस साल अप्रैल महीने में गृह मंत्रालय ने जूम के इस्तेमाल को लेकर एक अडवाइजरी जारी की थी। मंत्रालय ने यह अडवाइजरी नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम इंडिया (CERT-in) के प्रस्ताव पर जारी की थी। भारत पहला देश नहीं है जिसने सरकार में जूम एप के इस्तेमाल पर रोक लगाई।
इससे पहले ताइवान ने भी सरकारी एजेंसियों को जूम एप के इस्तेमाल से रोक दिया। जर्मनी और अमेरिका भी ऐसा ही कर चुके हैं। कंपनी ने गृह मंत्रालय की एडवाइजरी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह यूजर्स की सिक्यॉरिटी को लेकर गंभीर है।