मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘हर घर जल’ योजना की आधारशिला रखने आज झांसी पहुंचेंगे। इस दौरान वह महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से दोपहर 1.20 बजे ग्राम पंचायत गुलारा पहुंचेंगे।
यहां वह जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। दोपहर 2.55 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर रुकने के बाद सीएम गोशाला का निरीक्षण व वृक्षारोपण करेंगे। यहां से वह हेलीकॉप्टर से अपराह्न 3.50 बजे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नॉन कोविड अस्पताल का निरीक्षण करेंगे।
आधा घंटे के निरीक्षण के बाद वह लखनऊ के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। सोमवार को दिनभर कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाता रहा।
ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल संकट से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज झांसी में ग्रामीण पाइप पेयजल योजना का शिलान्यास करेंगे। इस योजना के तैयार होने पर जिले के 197 गांवों के 3,42,309 ग्रामीणों की प्यास बुझाई जा सकेगी।
बुंदेलखंड में पानी की समस्या किसी से छिपी नहीं है। यहां गर्मियों में पानी के लिए लोग दूर- दूर तक जाते हैं। टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति हो पाती है। पानी की समस्या का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण पाइप पेयजल योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे कराया था।
इसमें निकलकर आया कि जिले के 197 गांवों में पानी का विकराल संकट है। इस संकट को दूर करने के लिए जिले में चार पाइप पेयजल योजनाएं बनाई गईं। इन पर 543.51 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना के अंतर्गत 46 गांवों के 83,458 ग्रामीणों को सैदपुर- कुम्हैड़ी योजना के तहत जामनी बांध से कच्चा पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
पानी को शुद्ध करने बाद लोगों तक पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इसी तरह मसौरा- सिंदवाहा योजना के अंतर्गत 46 गांवों के 94,598 ग्रामीणों को सजनाम बांध से कच्चा पानी लेकर शुद्ध करने के बाद ग्रामीणों को मुहैया कराया जाएगा। गौना- नाराहट योजना के अंतर्गत 54 गांवों के 82,349 ग्रामीणों को जामनी बांध से कच्चा पानी लेकर शुद्ध किया जाएगा।
ग्राम लागौन पेयजल योजना के अंतर्गत 51 गांवों के 81,544 ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने के लिए कच्चा पानी राजघाट बांध से लिया जाएगा और उसे शुद्ध करके ग्रामीणों तक पहुंचाया जाएगा। इस तरह 139 ग्राम पंचायतों के कुल 197 गांवों के 3,42,309 ग्रामीणों की प्यास बुझाई जा सकेगी। इस योजना के तैयार होने से दो साल के भीतर ग्रामीणों को पर्याप्त पीने का पानी मिलने लगेगा। योजना के संचालन एवं अनुरक्षण में दस साल में 68.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।