नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण लोग पैसों के नगद लेनदेन की जगह डिजिटल पेमेंट का उपयोग कर रहे हैं। डिजिटल पेमेंट के मामले में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्प ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में लोगों ने UPI से रिकॉर्ड 1.34 बिलियन (134 करोड़) ट्रांजेक्शन के जरिए लगभग 2.62 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन किया है। ये अब तक किसी भी महीने में UPI से किए गए लेनदेन में सबसे ज्यादा है।
एनपीसीआई के अनुसार इससे पहले फरवरी महीने में 1.32 बिलियन (132 करोड़) ट्रांजेक्शन के जरिए रिकॉर्ड 2.22 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। वहीं मई महीने में UPI के जरिए कुल 1.23 बिलियन (123 करोड़) ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 2.13 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया।
साल 2019 में UPI के इस्तेमाल में सबसे ज्यादा तेजी आई है। गुरुवार को वर्ल्डलाइन एनुअल इंडिया डिजिटल पेमेंट द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन साल में यूपीआई ट्रांजेक्शन में औसतन 188 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही इससे ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़कर 10.8 अरब पहुंच गई है। यूपीआई के जरिए 2019 में 18,36,000 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया था, जो साल 2018 के मुकाबले 214 फीसदी ज्यादा था। UPI को अगस्त 2016 में लॉन्च किया गया था।
UPI कैसे काम करता है?
UPI की सेवा लेने के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे आपको अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है। वर्चुअल पेमेंट एड्रेस आपका वित्तीय पता बन जाता है। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है और वह पेमेंट आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइन नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीददारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।