कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। बिकरू गांव इसी थाना क्षेत्र में आता है। गुरुवार देर रात बिल्हौर सीओ के नेतृत्व में शिवराजपुर, चौबेपुर और बिठूर थाने का पुलिसबल विकास दुबे के घर पर दबिश देने गया था। पुलिस टीम के पहुंचते बदमाशों ने छतों से फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ के दौरान चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी सबसे पीछे थे और फायरिंग होते ही वह वहां से भाग गए। इसके साथ दो दिन पहले विकास दुबे ने चौबेपुर थानाध्यक्ष से हाथापाई की थी। थानाध्यक्ष की भूमिका को लेकर आलाधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित मोहनी निवादा गांव निवासी राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर विकास दुबे ने जबरन कब्जा कर लिया था। इस मामले को लेकर राहुल तिवारी ने कोर्ट में विकास दुबे के खिलाफ केस दर्ज कराया था। बीती 1 जुलाई को विकास दुबे ने साथियों के साथ मिलकर राहुल तिवारी को रास्ते से उठा लिया था और बंधक बनाकर पीटा था। जान से मारने की धमकी दी थी।
पुलिस की टीमें बिकरू गांव दबिश देने के लिए पहुंचीं तो चौबेपुर थाना प्रभारी जेसीबी के पास ही रुक गए और बाकी के पुलिसकर्मी आगे बढ़ गए। जबकि चौबेपुर थाना प्रभारी को गांव की भौगोलिक स्थिति की जानकारी अच्छी तरह से थी, उन्हे आगे होना चाहिए था। बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू की तो वे मौके से नदारद हो गए। आलाधिकारी इस घटनाक्रम की भी जांच कर रहे हैं।