लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात मुठभेड़ में आठ पुलिसवालों की हत्या करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अब एक लाख रुपए का इनामी घोषित हो गया है। पहले यह राशि 50 हजार रुपए थी। इसके साथ पुलिस ने वारदात में शामिल अन्य 18 गुर्गों पर भी 25-25 हजार रुपए का इनाम रखा है। इनमें से एक साथी को पुलिस ने रविवार को मुठभेड़ के दौरान पकड़ लिया है। इधर, यूपी पुलिस के अधिकारियों ने केंद्रीय खुफिया सुरक्षा एजेंसी से सूचना उपलब्ध कराने के लिए मदद मांगी है। गैंगस्टर विकास घटना के 3 दिन भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
विकास दुबे के जिन 18 साथियों पर इनाम रखा गया है- उसमें श्यामू बाजपेयी, छोटू शुक्ला, मोनू (जेसीबी चालक), जहान यादव, शशिकांत पंडित, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव, राम सिंह, रामू बाजपेयी, अमर दुबे, प्रभात मिश्र, गोपाल सैनी, बीरू दुबे, बउन शुक्ला, शिवम दुबे, बाल गोविंद, बऊवा दुबे और दयाशंकर अग्निहोत्री का नाम शामिल है।रविवार सुबह मुठभेड़ में दयाशंकर पकड़ा गया है। पुलिस पूछताछ में उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। दयाशंकर ने बताया कि विकास ने गुरुवार रात 25-30 लोगों को हथियार समेत घर बुलाया था।
डीजीपी ने एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास और उसके साथ साथियों को पकड़ने के लिए 75 जिलों में अलर्ट कर जारी कर दिया गया है। एडीजी क्राइम केएस प्रताप कुमार इस मामले को लीड कर रहे हैं। इसके अलावा, एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश भी ऑपरेशन की कमान संभाल रहे हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि विकास दुबे के संपर्क में रहने वाले अभी तक 200 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि इन लोगों से विकास के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है।