बलिया. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तैनात एक महिला पीसीएस अफसर मणि मंजरी राय ने सोमवार देर रात कोतवाली क्षेत्र स्थित आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे आवास विकास कॉलोनी में रहती थी। यहां मनिया नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के तौर पर तैनाती थीं। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें उन्होंने सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा किए हैं। वहीं, मामा का आरोप है कि अधिकारी और ठेकेदार मंजरी पर बिना काम किए पेमेंट करने का दबाव बना रहे थे। वहीं, भाई ने भाजपा नेता समेत पांच पर एफआईआर दर्ज कराई है।
मणि मंजरी राय गाजीपुर जिले के थाना भावरकोल की रहने वाली थीं। उनकी 2 साल पहले ही मनिया नगर पंचायत में तैनाती हुई थी। मंजरी 2016-17 बैच की पीसीएस अफसर थीं। पुलिस का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने फांसी क्यों लगाई, इसकी वजह का पता नहीं चल सका है। मामले की जांच की जा रही है। मौके से साक्ष्यों को जुटाया गया है।
अधिशासी अधिकारी के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने लिखा- मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई। लेकिन, यहां मुझे षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। इससे मैं काफी दुखी हूं। लिहाजा, मेरे पास आत्महत्या करने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं है। हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा। पुलिस का कहना है कि अधिशासी अधिकारी को किसने जान-बूझकर फंसाया, इसमें कौन-कौन लोग हैं, इसकी जांच की जा रही है।
मृतका पीसीएस अफसर के भाई विजय नंद राय ने नगर कोतवाली में तीन लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। आरोपियों में भाजपा के नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता, लिपिक विनोद और कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश, ड्राइवर एक पूर्व अधिशासी अधिकारी संजय राव शामिल हैं। आरोप है कि, शासन से आए दो करोड़ रुपए को अपने फर्मों को बांटने को लेकर भीम गुप्ता महिला अधिकारी पर दबाव बना रहे थे। पीसीएफ अफसर ने इसकी शिकायत डीएम से भी की थी। प्रताड़ना से तंग आकर बहन से सुसाइड कर लिया।