लखनऊ। सीएए के खिलाफ हुए प्रर्दशन के दौरान हिंसा में हुए सरकारी नुकसान की भरपाई के लिए पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के खिलाफ प्रशासन की ओर से जारी रिकवरी नोटिस को चुनौती पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार से पूछा है कि याची के खिलाफ किस कानून के तहत 64 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या जिस समय की घटना है उस समय ऐसा कोई कानून अस्तित्व में था जिसके तहत इस प्रकार की रिकवरी नोटिस जारी की जा सकती थी। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा है कि क्या दारापुरी को रिकवरी नोटिस जारी करने से पहले उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय की एकल सदस्यीय पीठ ने दारापुरी की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।
याची की ओर से कहा गया कि रिकवरी नोटिस गैर कानूनी ढंग से जारी की गई है। यह भी कहा गया है कि जिस घटना के बावत उक्त रिकवरी नोटिस जारी की गई है, उस घटना में वह शामिल नहीं था। यह भी कहा गया कि रिकवरी नोटिस जारी करने से पहले उन्हें सुनवाई का पूरा मौका भी नहीं दिया गया।