कानपुर। थाना बर्रा के रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत का 25 दिन बीतने के बाद कुछ पता नहीं चला है। फिरौती की रकम वसूलने के बाद भी वह अभी तक घर नहीं लौटा है। ऐसे में संजीत की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कानपुर में इस अपहरणकांड के खिलाफ प्रदर्शन भी हुआ है। परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली सवाल उठाए हैं। वहीं, पुलिस सभी आरोपों का खंडन करते हुए जांच का हवाला दे रही है। हालांकि, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय को सस्पेंड कर दिया गया है।
संजीत के पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। आंखों में आंसू लिए उन्होंने कहा कि, अपहरणकर्ता बार-बार फोन कर रहे थे, जिससे हमारा पूरा परिवार बहुत डरा हुआ था। जैसा-जैसा बदमाश कह रहे थे, वैसा ही पुलिस को बताया जा रहा था। पुलिस ने मेरे साथ आए भांजे हरीश व उसके दोस्त प्रकाश को एक किलोमीटर आगे भेज दिया। मैंने अपहरणकर्ताओं के कहे मुताबिक फ्लाईओवर से 30 लाख रुपए व कपड़े से भरा बैग नीचे बांदा वाली रेलवे लाइन की तरफ फेंक दिया। मुझे भरोसा था कि पुलिस मुस्तैद होगी और न सिर्फ अपहरणकर्ता पकड़ लेगी, बल्कि बेटे को भी सकुशल बरामद कर लेगी। इनके पकड़े जाने से रकम भी बच जाएगी।
थाना प्रभारी रणजीत राय व सादे कपड़ों में छह पुलिसकर्मी होने से यह भरोसा था। लेकिन, बाद में पता लगा कि एसओ तो बदमाशों के पीछे कहीं गए ही नहीं। वे निजी कार में बैठे रहे और अपहरणकर्ता आराम से निकलने में कामयाब हो गए।