नई दिल्ली। सचिन पायलट और उनके गुट के 18 बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट शुक्रवार (24 जुलाई) को अपना फैसला सुनाएगा। हालांकि, तब तक सचिन पायलट के गुट पर स्पीकर से किसी भी तरह की कोई कार्रवाई न करने के लिए कहा गया है। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सहित 19 विधायकों ने अयोग्य करार देने के लिए विधानसभा के स्पीकर द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ याचिका दी थी। याचिका पर शुक्रवार और सोमवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने दलीलें सुनीं। आज भी सुबह करीब 10:30 बजे से सुनवाई शुरू हुई थी।
सोमवार को सुनवाई के दौरान स्पीकर की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि याचिका समय से पहले है, क्योंकि विधायकों को सदन से अयोग्य घोषित करने पर अभी फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि स्पीकर द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर अदालत द्वारा हस्तक्षेप करने की कोई गुंजाइश नहीं है। सिंघवी ने कहा कि जहां तक विधानसभा और स्पीकर की शक्ति की बात है तो स्पीकर सर्वोच्च है।
स्पीकर की ओर से पेश हुए एक वकील ने मीडया से बात करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या स्पीकर बिना किसी कारण और रिकॉर्डिंग के बिना इस तरह अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी करने के लिए बाध्य है? इसपर सिंघवी ने तर्क दिया कि कारणों को दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह केवल कारण बताओ नोटिस था।
विधायकों को नोटिस दिए जाने के बाद पार्टी ने स्पीकर से शिकायत की थी कि ये विधायक पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को दो हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहुं हुए थे। हालांकि, पायलट शिविर का तर्क है कि पार्टी व्हिप तभी लागू होती है जब विधानसभा सत्र होता है।