कानपुर। बिकरु गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में विकास दुबे का साथ देने वाले आरोपी प्रभात मिश्रा से जुड़ा एक अहम खुलासा कानपुर पुलिस ने किया है। पुलिस का कहना है कि, प्रभात बालिग था। उसकी उम्र 20 साल थी। उसे शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच से इसका पता चला है। बता दें कि, प्रभात मिश्र को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 9 जुलाई को पुलिस उसे कानपुर ला रही थी। रास्ते में पनकी क्षेत्र में पुलिस जीप का टायर पंक्चर होने पर भागने के प्रयास में उसका एनकाउंटर हुआ था।
कानपुर पुलिस ने बताया कि, बिकरु शूटआउट में शामिल प्रभात के दो और नाम शानू और कार्तिकेय भी थे। लेकिन, पिता का नाम एक ही है। पारितोष इंटर कॉलेज नौबस्ता में आजाद मेमोरियल इंटर कॉलेज शिवराजपुर से बनी टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) लगाई गई है। जांच में वह फर्जी पाई गई। विद्यालय ने साफ किया है कि उनके विद्यालय से टीसी नहीं जारी की गई है। इसके अलावा एक साथ दो-दो विद्यालयों में एक साथ पढ़ाई करने की बात भी सामने आई है। सभी साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है।
दरअसल, प्रभात मिश्रा की जन्मतिथि अगस्त साल 2000 दिखाई गई है। स्कूल की टीसी में उसकी उम्र यही लिखी हुई है। इसके बाद हाईस्कूल के जो प्रमाण पत्र मिले हैं, उसमें प्रभात का नाम कार्तिकेय लिखा हुआ है।
प्रभात के एनकाउंटर के बाद उसकी उम्र को लेकर विवाद शुरू हुआ था। उसके परिवार ने दावा किया था कि प्रभात की उम्र 17 साल थी। इस संबंध में मार्कशीट और आधार कार्ड भी दिखाए थे। इसमें प्रभात की जन्मतिथि 27 मई 2004 लिखी हुई थी। प्रभात की बड़ी बहन हिमांशी ने दावा किया था कि उसके पिता कभी भी विकास के पास उठते-बैठते नहीं थे। मेरे परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। भाई को तो पहले ही बिना गलती मार दिया। वह तो नाबालिग था। तीन-तीन बार घर की तलाशी ली गई। घर में कुछ नहीं मिला।