श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस वर्ष षष्ठी तिथि की वृद्धि होने से 12 अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार जन्माष्टमी सर्वार्थ सिद्धि और ध्रुव योग में मनाई जाएगी। बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग एवं ध्रुव योग 12 अगस्त को ही सर्वमान्य है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार उदयकालीन एवं दो प्रहर युक्त अष्टमी तिथि में ही भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। चंद्रमा रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर उदय होंगे। हालांकि भादप्रद कृष्ण अष्टमी 11 अगस्त को प्रात: नौ बजकर छह बजे से 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। चूंकि 11 अगस्त के समय सप्तमी तिथि है और अष्टमी 12 अगस्त को दो प्रहर युक्त है, ऐसे में उदयकालीन तिथि ही सर्व मान्य है। रोहिणी नक्षत्र का दोनों ही तिथियों में अभाव है। लोक मान्यताओं के अनुसार पूर्वी सम्भागों वाराणसी, जगन्नाथपुरी में 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी जबकि पश्चिमी संभाग मथुरा एवं ब्रज क्षेत्र में 12 अगस्त को यह त्योहार मनाया जाएगा।
खास मुहूर्त
श्रीकृष्ण पूजा की विशेष पूजा अपराह्न 2 बजकर 38 मिनट से तीन बजकर 31 मिनट तक विजय मुहूर्त में होगी। शाम छह बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट तक गोधूलि वेला रहेगी। विशेष जन्मोत्सव पूजा मध्य रात्रि 12 बजकर पांच मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।