उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में गढ़मुक्तेश्वर की छह साल की मासूम बच्ची से दिल्ली की निर्भया जैसी दरिंदगी हुई है। मेडिकल रिपोर्ट चौंकाने वाली है। डॉक्टरों के अनुसार, प्राइवेट पार्ट डैमेज हो गया है। चोटें इतनी हैं कि सर्जरी करना मुश्किल है। शनिवार को सफल ऑपरेशन कर बच्ची के शरीर से आंत निकालकर मल-मूत्र के लिए दूसरा रास्ता बना दिया गया है। फिलहाल बच्ची की हालत बेहद नाजुक है। उधर, आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है।
गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के एक गांव में बाइक सवार युवक ने खेल रही मासूम बच्ची को अगवा किया। कुछ घंटों बाद यह बच्ची एक खेत में मिली। मेडिकल जांच में उससे रेप की पुष्टि हुई। बच्ची फिलहाल मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। उसकी हालत गंभीर है। इससे पहले बच्ची का प्राथमिक इलाज हापुड़ के जिला अस्पताल में हुआ। वहां की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें हैं। पीठ पर भी कई चोट हैं। संभवत: खेत में जमीन पर रगड़ने से ऐसा हुआ।
मेडिकल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची होश में आ गई है, लेकिन वह बेहद घबराई हुई है। डॉक्टरों ने बताया कि हमने मल-मूत्र के लिए अलग से पाइप लगाया है। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि चोटें कितनी हैं, यह कहना इसलिए मुश्किल है क्योंकि उनकी संख्या बेहद ज्यादा है। ऐसा लगता है, जैसे आरोपी ने किसी वस्तु का भी प्रयोग किया हो।
पीड़ित पिता से खिंचवाया स्ट्रेचर
बच्ची का इलाज मेडिकल अस्पताल की बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर चल रहा है। शनिवार को सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें बच्ची के पिता को स्ट्रेचर खींचते हुए दिखाया गया है। बच्ची के पिता ने बताया कि उन्हें बच्ची को ऑपरेशन के लिए दूसरे वार्ड में लेकर जाना था। कोई वार्ड बॉय नहीं था। इसलिए वह खुद ही स्ट्रेचर खींचकर ले गए। मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग सदस्य पहुंची मेडिकल, बच्ची का हाल जाना
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने शनिवार शाम मेडिकल अस्पताल पहुंचकर रेप पीड़िता बच्ची के परिजनों से हाल जाना। परिजनों ने उन्हें बताया कि पुलिस ने शुरुआत में सिर्फ गुमशुदगी दर्ज की थी, जबकि लोगों ने पुलिस को मौके पर ही बताया था कि कोई बाइक सवार व्यक्ति उसे उठाकर ले गया है। परिजनों ने हापुड़ पुलिस की इस केस में नाकामी उजागर की। इसके बाद आयोग सदस्य ने डॉक्टरों से बातचीत कर बच्ची की हालत के बारे में पूछा। डॉक्टरों ने अगले 72 घंटे स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताए। आयोग सदस्य ने आरोपी की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को मदद दिलाने के लिए अफसरों से बात करने को कहा।
इससे पहले आयोग सदस्य करीब आधा घंटा तक मेडिकल परिसर में खड़ी रहीं। उन्हें कोई डॉक्टर नहीं मिला। उन्होंने मेडिकल प्रशासन को फोन करके नाराजगी जताई। इसके बाद डॉक्टर मौके पर आए। उधर, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अवनीश काजला भी मेडिकल में पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिजनों से पूरा घटनाक्रम जाना। काजला ने कहा कि दुख-दर्द में वह पूरी तरह साथ हैं और परिवार को न्याय दिलाकर रहेंगे।