धार्मिक नगरी मथुरा समेत पूरे देश में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की धूम है। बुधवार रात 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में कृष्ण जन्मस्थान में भगवान कृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। यहां भागवत भवन में होने वाले जन्माष्टमी पर्व पर भगवान कृष्ण का अभिषेक अयोध्या के पवित्र सरयू जल से होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास स्वयं रजत कलश में सरयू का पावन जल लेकर मंगलवार को ही मथुरा पहुंच गए हैं।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान में जन्माष्टमी अभिषेक का अनुष्ठान नृत्य गोपाल दास के सान्निध्य में ही संपन्न होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मथुरा में बुधवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। बीते वर्षों में जन्म अभिषेक पंचामृत समेत गंगा-यमुना नदियाें के जल से होता रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद आई पहली जन्माष्टमी पर सरयू के जल से अभिषेक किया जाएगा।
कार्यक्रम का होगा सजीव प्रसारण
पिछले साल तक मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से लेकर वृंदावन तक भक्तों की अपार भीड़ रहती थी। हर तरफ श्रद्धालुओं देखे जाते थे, लेकिन इस बार सब सूना है। मंदिरों में सजावट तो हुई है, लेकिन कान्हा का जन्मोत्सव इस बार जिला प्रशासन की गाइडलाइन के कारण सूक्ष्म तरीके से मनाया जाएगा। श्रद्धालु निराश न हों, इसलिए कान्हा दूर से ही टीवी पर दर्शन देंगे। यानी कार्यक्रमों का दूरदर्शन समेत निजी चैनलों पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थल में यह रहेगी व्यवस्था
श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर 12 अगस्त की रात 11 बजे से एक बजे तक जन्मोत्सव कार्यक्रम होंगे। इनके तहत रात 11 बजे से 11.55 तक गणेशजी और नवगृह पूजन, 11.59 तक प्राकट्य दर्शन, 12 बजे आरती, जन्माभिषेक, श्रृंगार दर्शन और रात एक बजे शयन आरती होगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि पूजन-अर्चन-दर्शन में केवल कमेटी के चुनिंदा लोग ही रहेंगे। आमजन के लिए मंदिर के गेट बंद रहेंगे।
प्रदेश में झांसी या जुलूस की इजाजत नहीं
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय की कोविड गाइडलाइन और यूपी सरकार के निर्देश के अनुसार जन्माष्टमी पर किसी को भी झांकी या जुलूस की इजाजत नहीं दी जाएगी। गणेश चतुर्थी पर भी कोई भी पूजा पंडाल में मूर्ति स्थापित नहीं की जाए, न ही किसी शोभायात्रा की अनुमति दी जाए।