बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के खास गुर्गे अमर दुबे की पत्नी खुशी बालिग है या किशोर, इसका फैसला अब किशोर न्याय बोर्ड करेगा। खुशी के अधिवक्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती कोर्ट) ने खुशी की आयु निर्धारण के लिए फाइल बोर्ड को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।
खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों से इसकी पुष्टि भी होती है। किशोर होने के बावजूद पुलिस ने खुशी को एक माह से जेल में रखा है। इस पर उन्होंने एंटी डकैती कोर्ट में खुशी को किशोर घोषित करने के लिए अर्जी दाखिल की।
तर्क दिया कि खुशी ने कक्षा पांच व आठ की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय व कक्षा नौ व दस की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की। शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी का जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था। उम्र की पुष्टि के लिए हाईस्कूल का प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने खुशी की आयु का फैसला करने के लिए फाइल को किशोर न्याय बोर्ड भेजने के आदेश कर दिए हैं।
जद्दोजहद के बाद मिली सूचना
शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि 16 जुलाई को एसएसपी के जनसूचना कार्यालय से आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई थी कि बिकरू कांड के बाद से खुशी का पता नहीं चल रहा है। अगर वह किसी अपराध में वांछित है तो अपराध संख्या, धारा, थाना व प्रचलित विवेचना प्रपत्रों की प्रति दी जाए, लेकिन सूचना नहीं मिली। प्रथम अपील पर भी सूचना नहीं मिली तब आयोग के समक्ष द्वितीय अपील दाखिल की थी। इस पर खुशी को बिकरू कांड का आरोपी बताकर सूचना दी गई। इसके बाद खुशी को किशोर घोषित करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया।
बंद हो गए थे खुशी की रिहाई के रास्ते
हमीरपुर में पुलिस एनकाउंटर में अमर दुबे की मौत हो गई थी। बिकरू कांड के बाद परिजनों ने खुशी को नाबालिग बताते हुए विकास दुबे द्वारा जबरन अमर से शादी कराने की बात कही थी। पहले पुलिस खुशी की रिहाई की बात सोच रही थी लेकिन खुशी की शादी के वायरल वीडियो से उठे सवालों के बाद खुशी की रिहाई के रास्ते बंद हो गए थे।