नई दिल्ली। भारत में आज आधार सबसे जरूरी पहचान दस्तावेज बन गया है। बैंक अकाउंट खोलने से लेकर नया सिम कार्ड लेने तक, सभी में आधार की जरूरत पड़ती है। इसलिए 12 अंकों की इस पहचान संख्या की सुरक्षा और इसे मिसयूज होने से बचाना बहुत जरूरी है। अपराधी और जालसाज इसका मिसयूज कर सकते हैं। यही वजह है कि सरकार ने आधार को मिसयूज से बचाने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए हैं। आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई को इसकी सुरक्षा को लेकर कई तरह की आलोचनाओं का सामान करना पड़ा था। यही वजह है कि यूआईडीएआई ने आधार यूजर्स के डेटा को बचाने के लिए कई उपाय किए हैं और इसे बचाने के लिए यूजर को भी कई अधिकार दिए हैं।
आधार को लॉक करना
लॉकिंग के जरिए यूजर्स 12 अंकों की आधार संख्या को लॉक कर सकते हैं और इसके बजाय 16 अंकों की वर्चुअल आइडेंटिफिकेशन (वीआईडी) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बार आधार को लॉक कर दिया तो फिर यूजर बायोमेट्रिक, डेमोग्राफिक और ओटीपी आधारित सत्यापन के लिए यूआईडी, यूआईडी टोकन और एएनसीएस के जरिए authentication के इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
आधार में बायोमेट्रिक्स को कैसे करें लॉक-अनलॉक
बायोमेट्रिक लॉकिंग और अनलॉकिंग ऐसी सर्विस है जो यूजर को अपना बायोमेट्रिक्स लॉक करने और अस्थाई तौर पर अनलॉक करने की सुविधा देती है। इसका मकसद यूजर के बायोमेट्रिक्स डेटा की सुरक्षा को मजबूत करना है। इसके इस्तेमाल से आधार में मौजूद फिंगरप्रिंट और आइरिस डेटा को लॉक किया जा सकता है। इन आंकड़ों का इस्तेमाल यूजर की पहचान के सत्यापन के लिए होता है। बायोमेट्रिक्स को लॉक कर देने से आधार होल्डर इनका इस्तेमाल authentication के लिए नहीं कर पाएगा। बायोमेट्रिक्स लॉक होने के बाद अगर किसी भी authentication services के लिए यूआईडी का इस्तेमाल किया जाता है तो यह स्पेसिफिक एरर कोड ‘330’ दिखाता है जिसका मतलब है कि बायोमेट्रिक्स लॉक है।