पति और पत्नी के बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर गतिरोध होता रहा है। चाहें वो घर के काम कर हो या बच्चों को अच्छी आदमें सीखाना हो। अगर इन गतिरोधों को समय रहते नहीं दूर किया गया तो यह आपके रिश्ते में विवाद का एक स्थायी बिंदु बन सकते हैं।
प्रसिद्ध रिलेशनशिप थेरेपिस्ट इस्थर पेरेल ने कहा, रिश्तों में मौजूद इन गतिरोधों को सुलझाना मुश्किल होता है क्योंकि दंपति इनकी मूल वजह को समझ नहीं पाते। हाल ही में एक यूट्यूब लाइवस्ट्रीम में पेरेल ने इस कभी न सुलझने वाले गतिरोधों को दूर करने के लिए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि कैसे अपनी बातों का बचाव करने की जगह दोनों को समझदारी से काम लेना चाहिए।
भेद्यता की भावना से उपजाता है गतिरोध-
पेरेल ने कहा कि गतिरोध की मूल वजह की पहचान करना बहुत जरूरी है। दंपतियों के बीच ज्यादातर गतिरोधों के दौरान उसकी भेद्यता की भावना सामने आ जाती है। पेरेल कहते है कि इसकी वजह से दंपति अपना बचाव करने लगते हैं और समस्या का सुलझाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे गतिरोधों में वर्तमान समय में पुरानी बातों को मिला दिया जाता है। घर के किसी काम को लेकर पति-पत्नी के बीच गतिरोध तब ज्यादा बढ़ जाता है जब दोनों में से किसी एक की बचपन में या पूर्व रिश्तों में कभी किसी कार्य के लिए सराहना न की गई हो।
साथी की परेशानी का कारण समझें-
घर के कामकाज, बच्चों की परवरिश और बजट जैसे मामलों पर दंपतियों में अक्सर गतिरोध होता है। इसे सुलझाने के लिए यह समझना जरूरी है कि आपका साथी अपना बचाव क्यों करता है और उसके मन में इसे लेकर डर क्यों है। पेरेल ने कहा, खुद को हमेशा सही साबित करने की जगह अगर आपको और आपके साथी को यह समझ आ जाएगा कि आपका लक्ष्य यह समझना है कि दूसरा व्यक्ति किसी पृष्ठभूमि से आ रहा है तो संवाद का पूरा तरीका ही बदल जाएगा।
अपने परेशानी का कारण साथी को बताएं-
अगर आप किसी मुद्दे को लेकर परेशान है तो अपने साथी से लड़ने की जगह उसे आपनी परेशानी का मूल कारण बताने की कोशिश करें। उन्हें बताएं कि उनकी कौन-सी बात आपको बुरी लगी है। झगड़ा करने की जगह अपनी भावनाओं को उन्हें समझाने का प्रयास करें।