शहरों में मनमाने तरीके से अब मोबाइल टॉवर नहीं लगाए जा सकेंगे। घनी आबादी के बीच व मानक के विपरीत स्थलों पर इसे लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए संयुक्त रूप से स्थलीय सर्वे होगा। इतना ही नहीं प्रत्येक निकाय में इसके लिए नोडल अधिकारी को नामित किए जाएंगे, जो अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करेंगे।
नगर विकास विभाग ने हाल ही में शहरों में मोबाइल टॉवर लगाने को लेकर आने वाली समस्याओं पर एक बैठक बुलाई थी। इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। खासकर मनमाने तरीके से दिए जाने वाले एनओसी पर विचार किया गया। शहरों में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए निकाय और विकास प्राधिकरण से एनओसी लेना अनिवार्य होता है। नियमत: दोनों विभागों के बीच समन्वय करते हुए एनओसी दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
इसके चलते मोबाइल टॉवर लगाने वाली कंपनियों के साथ शहरों में मानक के विपरीत लगने वाले टॉवर से लोगों को परेशानियां हो रही हैं। नगर विकास विभाग की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक निकायों के नामित नोडल अधिकारी उप महानिदेशक यूपी इलेक्ट्रानिक कार्पोरेशन लिमिटेड से समन्वय कर ऑनलाइन व्यवस्था पर काम करेंगे।
इसके साथ ही विकास प्राधिकरण के संबंधित अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए स्थलीय सर्वे किया जाएगा। मौके पर जाकर यह पता लगाया जाएगा कि टॉवर लगाने के लिए स्थान मानक में आता है या नहीं। मानक पर आने वाले स्थल के लिए ही एनओसी दी जाएगी। इसके साथ ही आवास बंधु के निदेशक से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा, जिससे दोनों विभागों में बेहतर समन्वय के आधार पर काम हो सके।