उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का रविवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज (सोमवार) राजकीय सम्मान के साथ हापुड़ के ब्रजघाट में किया जाएगा। निधन की सूचना मिलते ही भाजपा सहित खेल प्रेमियों में शोक है। 11 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था। बाद में किडनी संबंधित समस्या के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया जिससे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था।
73 वर्षीय चेतन चौहान ज्योतिबा फुले नगर की नौगांव सादात सीट से विधायक थे। चेतन चौहान यूपी के दूसरे कैबिनेट मंत्री हैं, जिनका निधन कोरोना से हुआ है। इससे पहले प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमला रानी वरुण का भी लखनऊ के एसजीपीजीआई में दो अगस्त को कोरोना संक्रमण से निधन हो चुका है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर चेतन चौहान को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि चेतन चौहान का निधन मंत्रिमंडल के लिए बड़ी क्षति है। वह जितने लोकप्रिय खिलाड़ी थे, उतने ही प्रिय जनसेवक भी थे। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के लोगों से बात कर उन्हें ढाढस बंधाया।
चेतन चौहान को कोरोना संक्रमित होने पर 11 जुलाई को पीजीआई में भर्ती कराया गया था। बाद में बेहतर सुविधा पाने के लिए वह दिल्ली के मेदांता अस्पताल चले गए। वहां से हालत बिगड़ने पर 14 अगस्त को हरियाणा के गुरुग्राम में मेंदाता अस्पताल में भर्ती हो गए थे। शनिवार को उनकी हालत बिगड़ी। उनकी किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम की सुविधा दी गई लेकिन उनकी हालत निरंतर बिगड़ती चली गई। रविवार की दोपहर उनकी मृत्यु हो गई।
चेतन चौहान के पैतृक गांव में शोक छाया
चेतन चौहान के निधन से उनके बुलंदशहर जनपद स्थित पैतृक गांव पवसरा में शोक छाया गया है। ग्रामीणों ने चेतन चौहान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। भाजपा के औरंगाबाद मंडल अध्यक्ष ज्ञानेंद्र भारद्वाज ने बताया कि चेतन चौहान मूल रूप से गांव पवसरा गांव के निवासी थे। इनके पिताजी मूढापांडे मुरादाबाद में परिवार के सदस्यों के साथ जाकर बस गए थे, जबकि अन्य परिवारीजन आज भी गांव में ही रहते हैं। चेतन चौहान का जन्म भी मूंढापांडे गांव में हुआ था।