कोरोना वैक्सीन के लिए भारत की नजर ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और अमेरिका के मॉडर्ना-एनआईएआईडी की ओर से तैयार किए जा रहे वैक्सीन पर है। एस्ट्राजेनेका भारत में वैक्सीन लाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी संभाल रहा नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आज 3.30 बजे उन फार्मा कंपनियों के प्रमुखों के साथ दूसरे दौर की मीटिंग करेगा, जो कंपनियां वैक्सीन डेवलपमेंट में शामिल हैं।
मीटिंग में वैक्सीन की कीमत पर चर्चा होगी
एसआईआई क्लिनिकल ट्रायल के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस डील के तहत ट्रायल में शामिल 200 लोगों में से ज्यादातर पर टेस्टिंग की जा चुकी है। नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की आज की मीटिंग में कच्चा माल खरीदने के प्रोसेस और वैक्सीन की कीमत को लेकर बात होगी। इस बैठक में एसआईआई, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला जैसी कंपनियां शामिल होंगी। सरकार भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के ट्रायल की प्रोग्रेस भी पता करेगी।
भारत को रूस के ट्रायल डेटा का इंतजार
रूस पिछले हफ्ते कोरोना की वैक्सीन लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। बताया जा रहा है कि भारत अभी रूस की वैक्सीन के ट्रायल डेटा का इंतजार कर रहा है। जर्मनी और इजरायल समेत नौ दूसरे वैक्सीन प्रोग्राम पर भी नजर रखी जा रही है।
बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक के वैक्सीन का ट्रायल आगे बढ़ रहा है, लेकिन प्रोसेस में अभी 2-3 हफ्ते और लगेंगे। ट्रायल में शामिल लोगों के अलग-अलग बैच बनाकर उन्हें डोज दिए जा रहे हैं। सभी को डोज देने के बाद ही उनके ब्लड टेस्ट करवाए जाएंगे और शरीर में हुए बदलावों का पता लगाया जाएगा। उसके बाद डेटा एनालिसिस किया जाएगा।