वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त को होगी। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। खबर है कि इस बैठक में राज्यों के मुआवजा भुगतान और राजस्व में कमी को पूरा करने पर चर्चा हो सकती है।
इधर, सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से सिलसिलेवार ट्वीट किए गए। वित्त मंत्रालय ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) और उसमें समय-समय पर किए गए तमाम सुधारों को याद किया है।
मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू किए जाने के बाद से अधिकतर चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अब 28 फीसदी के टैक्स स्लैब के अंतर्गत लग्जरी आइटम और डेट्रिमेंट्ल वस्तुएं ही रह गई हैं। इस टैक्स स्लैब के अंतर्गत 230 वस्तुएं थीं लेकिन करीब 200 वस्तुओं को कम टैक्स वाले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया।
सिनेमा टिकट पर पहले जीएसटी 35 प्रतिशत से 110 प्रतिशत था। बाद में इसे कम कर के 12 से 18 प्रतिशत के बीच रख दिया गया था। रोजाना के उपयोग वाले ज्यादातर आइटम शून्य या पांच प्रतिशत के जीएसटी टैक्स स्लैब में हैं। रेसिडेंशियल कांप्लेक्स के कंस्ट्रक्शन की टैक्स दरों में कमी आई और यह 5 प्रतिशत तथा एक प्रतिशत के स्लैब में हैं। कॉमन यूज आइटम जैसे बालों के तेल, टूथपेस्ट, साबुन आदि 29.3 प्रतिशत के टैक्स स्लैब से घटकर 18 प्रतिशत पर जीएसटी में आ गए हैं।
वित्त मंत्रालय ने अपने एक ट्वीट में यह भी कहा है कि अब 40 लाख रुपए तक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट है। शुरूआत में यह सीमा 20 लाख रुपए थी। इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कंपोजिशन स्कीम भी चुन सकते हैं और 1 फीसदी कर का भुगतान कर सकते हैं।