गणेश चतुर्थी और ताजियादारी को लेकर शासन स्तर पर गाइडलाइन जारी होने के बाद भी लोगों में असमंजस बरकरार है। इसकी वजह गणेश प्रतिमा विसर्जन और ताजिया दफन करने के बारे में स्थिति स्पष्ट न होना है। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए शासन ने सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा स्थापित करने और ताजिया रखने पर रोक लगा दी थी।
कहा गया था कि लोग सादगी के साथ अपने घरों पर ही गणेश चतुर्थी और मुहर्रम मनाएं। ऐसे में असमंजस इस बात को लेकर है कि घरों में जो प्रतिमाएं रखी गई हैं, उन्हें विसर्जित कहां और कैसे किया जाएगा। ऐसे ही जो ताजिया घरों में रखे जाएंगे, उन्हें कहां और कैसे दफन किया जाएगा?
ताजिया रखने को लेकर शनिवार तक स्थिति साफ न होने के कारण शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के साथ कुछ उलमा पुराने लखनऊ में धरने पर बैठ गए थे। पुलिस कमिश्नरेट और गृह विभाग के अफसरों के साथ हुई उनकी बातचीत के बाद धरना समाप्त कर दिया गया था। तय हुआ कि घरों में ताजिया रखने पर कोई पाबंदी नहीं है।
सार्वजनिक स्थान पर ताजिया रखने और जुलूस निकालने पर पाबंदी
अब सवाल उठ रहा है कि जो ताजिया घरों में रखा जाएगा, उसे 10वें मुहर्रम को दफन किया जाता है, ऐसे में ताजिया दफन कहां होगा और कितने लोग एक ताजिया के साथ जा सकते हैं, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
प्रतिमा विसर्जन के दौरान झांकी निकालने और 10वें मुहर्रम को सार्वजनिक स्थान पर ताजिया रखने और जुलूस निकालने पर पाबंदी रहेगी।