अब कोविड-19 के टेस्ट जल्द ही रोबोट करते नजर आएंगे। इंजीनियरों ने एक ऐसा रोबोटिक हाथ बनाया है जो नेजल स्वाब टेस्ट कर सकेगा। इससे मरीजों से डॉक्टरों में कोरोनावायरस प्रसार का खतरा भी कम होगा। ब्रेन नावि द्वारा बनाए गए इस रोबोट में ऑटो पायलट ब्रेन सर्जरी नेविगेशन सिस्टम वाली तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें फेशियल रिकॉग्निशन और थ्री डी इमेजिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है।
कैसे होता है परीक्षण-
मरीज अपनी नाक पर एक क्लिप लगाते हैं ताकि मशीन कुछ बिंदुओं का पता लगा सके और नाक के स्वाब परीक्षण के दौरान मरीज अपने चेहरे को सीधा रखने के लिए अपने सिर को एक धातु के ब्रेस में रखते हैं। रोबोट नमूनों को इकट्ठा करने के लिए नाक में एक लंबा स्वाब डालता है, जिसे वह फिर एक शीशी में रखता है।
फर्म का दावा है कि यह रोबोट परीक्षण को पांच मिनट में पूरा करता है जिसे करने में एक डॉक्टर या चिकित्साकर्मी को 15 मिनट का समय लगता है। पूरी दुनिया कोरोनावायरस से जूझ रही है। लेकिन रैपिड टेस्टिंग की वजह से कई जगह संक्रमण काबू में आ गया है।
ताइवान की कंपनी ब्रेन नावि चिकित्सा जगत के उपकरण बनाता है। उन्होंने इस रोबोट का निर्माण किया और सबसे पहले अपने ही कर्मचारियों का कोविड टेस्ट इसके जरिए किया। इसके संस्थापक जेरी चेन ने कहा, 17 साल पहले सार्स महामारी ने मुझे बेहद गहरा आघात दिया था और मैंने अपना एक दोस्त खो दिया था।
इसलिए मैंने एक ऐसा रोबोट बनाने का फैसला किया जो कोविड परीक्षण कर लोगों की जान बचा सके। यह रोबोट थ्री डी इमेजिंग के जरिए लोगों की नाक में स्वाब डालता है और नमूने जुटाकर उसे शीशी में बंद कर देता है। इसका निर्माण परीक्षण के काम से डॉक्टरों को राहत दिलाने के लिए किया गया है।