वेल्लिंगटन। न्यूजीलैंड की अदालत ने मस्जिद में हमला करने वाले शख्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी को परोल नहीं दिया जाएगा। इस हमले में 51 मुस्लिम श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। देश में इस तरह की सजा पहली बार दी गई है। फैसले में सजा का ऐलान करते हुए जज कैमरुन मांडर ( Cameron Mander ) ने कहा कि यह अमानवीय कृत्य है।
पिछले साल मार्च महीने में 29 वर्षीय ब्रेंटन टैरेंट (Brenton Tarrant) नामक शख्स ने न्यूजीलैंड स्थित मस्जिद पर हमला किया और इसे फेसबुक लाइव कर दिखाया था। यह न्यूजीलैंड में अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार है जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई। इस जानलेवा हमले में दर्जनों लोग जख्मी भी हो गए थे। ऑस्ट्रेलियाई हमलावर ब्रेंटन टैरेंट ने सजा पर किसी तरह का विरोध नहीं किया।
जज ने कहा कि आपने अपने द्वारा किए गए नरसंहार की कोई माफी नहीं मांगी। उन्होंने आगे कहा, ‘आपने सामूहिक हत्या की है। आपने निहत्थे लोगों की हत्या की, उनका नुकसान असहनीय है। आपके इस हमले ने उन परिवार को तबाह कर दिया है।’
जज कैमरुन मांडर मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ‘यह अपराध काफी घृणास्पद है और इसके लिए आजीवन कैद की सजा काफी कम है।’
जज ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि इस तरह की सजाएं बहुत घिनौने हत्यारों के लिए होती हैं। उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड की न्याय व्यवस्था में मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। देश की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने सजा की जानकारी मिलने के बाद कहा कि उसे अपनी बात कहने के लिए कोई मंच नहीं मिलेगा और हमारे पास उसे सुनने, उसे देखने की कोई वजह नहीं है। बता दें कि चर्च में हुए इस दुर्दांत हमले के बाद यहां बंदूक खरीदने और रखने के नियमों को सख्त कर दिया गया था।