प्रदेश में आंगनबाड़ियों में प्रशिक्षण देने के बाद प्री प्राइमरी कक्षाओं की देखरेख कैसे होगी? विभिन्न टॉपिक पर एक्शन प्लान तैयार हों। ऐसे शैक्षिक संस्थानों के समूह हों जहां लड़की कक्षा एक में प्रवेश ले और बारहवीं कर के निकले। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में पढ़ाई के अलावा अन्य पहलू भी हों। ये और ऐसे ही कुछ सुझाव उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने के लिए बनी टॉस्क फोर्स की पहली बैठक में रखे गए।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभागों को स्टीयरिंग कमेटी बना ले। कमेटी की अगली बैठक 28 सितम्बर को होगी। टास्क फोर्स सभी पहलुओं पर निर्णय लेगी और अंतर विभागीय समन्वय स्थापित करेगी। डा. शर्मा ने कहा कि इस नीति के पूरी तरह से लागू होने के बाद लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति का प्रभाव खत्म हो जाएगा। नई नीति के तहत भारत के विश्वविद्यालय विदेशों में अपने कैंपस खोल सकते हैं और विदेशी विश्वविद्यालयों के कैम्पस भारत में खुल सकते हैं। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि रोजगारपरक शिक्षा प्रारंभिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों को दी जाए।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि इस नीति से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो किसी एक विषय के विशेषज्ञ नहीं होंगे बल्कि विज्ञान के बच्चे को भारतीय दर्शन का ज्ञान हो और उसके पास कोई हुनर भी हो। उच्च शिक्षा में नामांकन 26.3 फीसदी ही है। इसे 50 फीसदी तक लाया जाए। विकसित देशों में 50 फीसदी बच्चे 15 साल तक के उम्र के बच्चे वैकल्पिक शिक्षा ले चुके हैं, हमारे यहां ये केवल 5 फीसदी हैं। इसे बढ़ाने की जरूरत है। छात्रों को परीक्षा का तनाव नहीं रहे।
उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में नीति की कई बातों को लागू किया जा चुका है। प्री प्राइमरी कक्षाएं, लर्निंग आउटकम, त्रैमासिक परीक्षा, ग्रेडेड लर्निंग आदि कार्यक्रम लागू किए जा चुके हैं। वर्ष 2022 तक प्राइमरी स्कूलों के सभी छात्रों द्वारा बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय कौशल प्राप्त किए जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बैठक में कमेटी के सदस्य डॉ. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, रेणुका कुमार, एस.राधा. चौहान, मोनिका एस. गर्ग, आराधना शुक्ला, डा. विनय पाठक, अशोक गांगुली, वाचस्पति मिश्र, डा. निशा पांडे, डा. अब्बास नैयर और विजय किरण आनंद उपस्थित थे। जूम एप के माध्यम से कृष्ण मोहन त्रिपाठी व वी.पी. खंडेलवाल, अरविंद मोहन भी बैठक में शामिल हुए।