केंद्र सरकार ने पुलों-राष्ट्रीय राजमार्ग और उन पर चलने वाले सड़क यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशालकाय वाहनों के परिचालन के नियम सख्त बना दिए हैं। अतिभार और अति आयामी वाहन यदि सड़क पर संभल कर नहीं चले तो पुल की टूट-फूट का खर्च उठाने के साथ एक महीने की माल जब्ती और 20 गुना जुर्माना भरना पड़ेगा। पुल पर वाहनों की रफ्तार पांच किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई और उनके कंपनी का एक पायलट वाहन उनके आगे-आगे चलेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अतिभार और अति आयामी मॉडुलर हाईड्रोलिक ट्रेलर को चलाने संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सड़क सुरक्षा सुदृढ़ करने के मकसद से पहले की अपेक्षा विशालकाय वाहनों के परिचालन संबंधी नियमों को और कड़ा कर दिया गया है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निजी कंपनियां ऑनलाइन मॉडुलर ट्रेलर से भारी मशीनरी भेजने की मंजूरी लेंगी, लेकिन उनके बताए रूट की समीक्षा करने के बाद ही इजाजत दी जाएगी। यदि उक्त वाहन से पुल-सड़क पर कोई टूट-फूट होती है, तो उसका खर्च कंपनी को वहन करना होगा। इसके लिए ऑनलाइन पहले ही बांड देना होगा। ट्रेलर सड़क पर बहुत धीमी रफ्तार पर चलेंगे। पुल पर उनकी रफ्तार सिर्फ पांच किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
दस्तावेज अधूरे होने पर 20 गुना तक जुर्माना
ट्रेलर पर काले-पीले रंग की जेब्रा पट्टी अनिवार्य है। दिन के समय लाल रंग की झंडी लगानी होगी और ट्रेलर के आगे बैनर लगा होगा। रात के लिए चमकदार पट्टी (रिफलेक्टर टेप) लगी होगी। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा बताए गए भार से अधिक (ओवरलोड) होने पर ट्रेलर को जब्त कर लिया जाएगा। ट्रेलर के पंजीकरण प्रमाणपत्र, बीमा आदि दस्तावेज अधूरे होने पर 20 गुना तक जुर्माना किया जाएगा। दो यूनिट होने पर एक यूनिट को जब्त किया जाएगा।