ढाका। बांग्लादेश में शुक्रवार को चीन में उईगर मुसलमानों पर अत्याचार के विरोध में विशाल प्रदर्शन हुआ। ढाका प्रेस क्लब के बाहर हुए इस चीन विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने किया।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने कहा- उईगर मुस्लिमों पर नाखुश हैं दुनिया भर के मुसलमान
28 अगस्त को दमन विरोधी दिवस मनाते हुए कहा गया कि चीन के कम्युनिस्ट शासन में उईगर मुस्लिमों के उत्पीड़न से तमाम देशों के मुसलमान नाखुश हैं।
चीन में दस लाख से ज्यादा उईगर मुस्लिम पुरुष बंदी शिविरों में, महिलाओं पर हो रहा अत्याचार
चीन के शिनजियांग प्रांत में बहुसंख्यक उईगर मुस्लिम आबादी को चीन वर्षों से उत्पीड़न का शिकार बनाए हुए है। दस लाख से ज्यादा मुस्लिम पुरुषों को बंदी शिविरों में रखा हुआ है और उनकी महिलाओं से चीनी सुरक्षा बलों के जवान गलत व्यवहार कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भी यह मामला उठ चुका है, लेकिन चीन किसी को कान नहीं दे रहा।
जिन मुस्लिमों पर यह अत्याचार हो रहा है, वे तुर्किक भाषा बोलने वाले हैं और तुर्की मूल के हैं, लेकिन इस मसले पर औपचारिक विरोध व्यक्त करने के अलावा तुर्की भी कुछ खास नहीं कर रहा।
तमाम मानवाधिकार संगठनों, संयुक्त राष्ट्र और विदेशी सरकारों ने चीन से उत्पीड़न रोकने का अनुरोध किया है, लेकिन कम्युनिस्ट शासन किसी की नहीं सुन रहा। चीन शिनजियांग के हालात की जानकारी भी किसी से साझा नहीं करता। वहां पर विदेशी पत्रकारों के जाने पर रोक है।
शिविरों में धार्मिक कट्टरता कम करने वाले सबक सिखाए जाते हैं- चीन
हां, शिविरों में धार्मिक कट्टरता कम करने वाले सबक सिखाए जाने राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाए जाने की बात चीन सरकार ने कही है। कहा है कि यह पहल बीते दशक में शिनजियांग में बढ़ी धार्मिक कट्टरता और हिंसक घटनाओं को देखते हुए की गई। इसके अच्छे परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं।