प्रदेश के कई जिलों में सामने आईं महिला उत्पीड़न व लव जिहाद की घटनाओं को लेकर सरकार सख्त हो गई है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला उत्पीड़न व लव जिहाद के मामलों में त्वरित व सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आला अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा है।
बीते विधानसभा चुनाव में महिला संबंधी अपराध, खासतौर पर लव जिहाद एक अहम मुद्दा बना था। यह मुद्दा कुछ अरसा पहले लोकसभा में उठा था जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने पक्ष रखा था। यूपी के मेरठ, कानपुर, खीरी, बलरामपुर आदि जिलों में हाल ही में लव जिहाद जैसी कुछ घटनाएं सामने आई हैं। मेरठ, लखीमपुर खीरी व कानपुर के मामलों ने स्थानीय स्तर पर तूल भी पकड़ा हुआ है। मेरठ व लखीमपुर में तो लड़कियों की हत्या भी कर दी गई। ऐसे ही कानपुर में अंतरधार्मिक विवाह का मामला सामने आया था। पांच परिवारों की ओर से प्रेम प्रसंग के मामलों में लव जिहाद का आरोप लगाया गया था।
इन परिवारों ने कानपुर के आईजी से शिकायत की थी कि उनकी बेटी की जिस युवक से शादी हुई वहां के लड़के लगातार लव जिहाद कर लड़कियों को फंसाते हैं। मेरठ के मामले एक छात्रा को प्रेम जाल में फंसाकर दो साल से ब्लैकमेल किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया था। यहां पीड़ित पक्ष ने लव जिहाद का आरोप लगाते हुए जांच की अपील की थी।
महिलाओं को लेकर अपराध के ऐसे मामलों को लेकर योगी सरकार ने अपना रुख भले ही स्पष्ट कर दिया है पर पुलिस मुख्यालय के पास लव जिहाद को लेकर कोई समेकित सूचना नहीं है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस महिला संबंधी अपराध के मामलों में पूरी तरह संवेदनशीलता से कार्य करती है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतों की गहनता के साथ जांच करने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने महिला संबंधी अपराधों को लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिम्मेदार अफसरों ने इस मामले में केरल हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है। केरल हाईकोर्ट ने 2017 में एक प्रकरण की सुनवाई के समय कहा था कि सभी अंतर धार्मिक विवाह लव जिहाद की श्रेणी में नहीं आते हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे प्रकरण की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया था कि अदालत किस तरह दो वयस्क लोगों की शादी खत्म करा सकती है।