लखनऊ। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद, अस्पताल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन, म्यूजियम और रिसर्च सेंटर आदि का निर्माण कराने के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की गतिविधियां इस माह रफ्तार पकड़ेंगी। ट्रस्ट का बैंक अकाउंट खुल गया है और लखनऊ में ऑफिस भी बनकर तैयार हो गया है। एक सितंबर को पांच एकड़ जमीन पर निर्माण के लिए ऑर्कीटेक्ट भी तय हो गया। फाउंडेशन की वेबसाइट भी सितंबर में शुरू हो जाएगी। इसके बाद मुस्लिम समाज से ऑनलाइन दान लेना भी शुरू कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद के अलावा कई जन सुविधाओं का विकास होना है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन में अध्यक्ष सहित कुल नौ पदाधिकारी घोषित हो चुके हैं। फाउंडेशन का काम सितंबर से रफ्तार पकड़ लिया। इसी माह में ही फाउंडेशन के पदाधिकारियों की पहली बैठक होगी। हालांकि अभी बैठक की तारीख तय नहीं हुई है। बैठक लखनऊ स्थित फाउंडेशन के नवनिर्मित ऑफिस में होगी।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर धन्नीपुर में जो पांच एकड़ जमीन मिली है उसका टोपोग्राफी प्लान बन गया है। इसे चुने हुए ऑर्कीटेक्ट के पास भेजा रहा है। ऑर्कीटेक्ट इसी के अनुसार मस्जिद, अस्पताल, लाइब्रेरी, रिसर्च सेंटर, कम्युनिटी किचन व म्यूजियम आदि का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट व नक्शा तैयार करेंगे। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (जेएमआईयू) नई दिल्ली के वास्तुकला संकाय के संस्थापक डीन प्रो.एसएम अख्तर को अयोध्या में प्रस्तावित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के मस्जिद कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट नियुक्त किया गया है।
प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि फाउंडेशन की वेबसाइट भी तैयार हो रही है। यह भी सितंबर से पूरी तरह आम जनता को समर्पित हो जाएगी। इसके जरिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन व अयोध्या के प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। दानदाताओं को दान की रकम पर इनकम टैक्स छूट दिलाने के लिए भी फाउंडेशन आयकर विभाग में आवेदन करने जा रहा है। मस्जिद व अन्य जनसुविधाओं के विकास के लिए विदेश से चंदा एकत्र करने के लिए फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत औपचारिकताएं पूरी कर एक अलग बैंक अकाउंट खोला जाएगा। इसके लिए फाउंडेशन सितंबर में ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय में आवेदन करेगा।