कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को बिजली की बढ़ी दरों का झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) ने बिजली की दरों को बढ़ाकर नया स्लैब प्रस्ताव नियामक आयोग में जमा कर दिया है। इससे जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के छह लाख उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का भार बढ़ सकता है।
यूपीपीसीएल ने पहले भी बिजली की बढ़ी दरों का स्लैब बनाकर नियामक आयोग को दिया था, लेकिन विभिन्न संगठनों के विरोध पर उसे रोक दिया गया था, लेकिन अब फिर घाटे का हवाला देते हुए बिजली दरों को बढ़ाया जा रहा है।
बीपीएल की दरों में नहीं कोई बदलाव : ग्रामीण व शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए एक किलोवाट के लिए 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स्ड चार्ज 90 रुपये प्रति किलोवाट व शहरी घरेलू उपभोक्ताओं का 110 रुपये प्रति किलोवाट यथावत प्रस्तावित है। घरेलू अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें यथावत 500 रुपये प्रति किलोवाट ही रखी है। 100 यूनिट से कम खर्च करने वाले गरीब उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं डाला गया है। वहीं 101 से 150 यूनिट तक 55 पैसे का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि, 151 से 300 यूनिट तक खर्च करने वालों को प्रति यूनिट 60 पैसे की बचत भी दिख रही है। 300 यूनिट से अधिक खर्चकरने वालों को 40 पैसे प्रति यूनिट का लाभ होगा।
घरेलू शहरी उपभोक्ता
0-100 यूनिट : 5.50 रुपये
101-150 यूनिट : 5.80 रुपये
330 के ऊपर : 6.65 रुपये
घरेलू ग्रामीण उपभोक्ता
0-100 यूनिट : 3.35 रुपये
101-300 यूनिट : 4.40 रुपये
330 के ऊपर : 5.60 रुपये