पति की हत्या के बाद से गमजदा महिला सिपाही ने फतेहपुर में गुरुवार रात खुद की जिंदगी खत्म कर ली। उसने गाजीपुर के लोहटा स्थित ममिया ससुर के घर में फांसी लगाकर जान दे दी। इसी के साथ बचपन की एक प्रेम कहानी का दुखद अंत भी हो गया। महिला सिपाही ने खुदकुशी से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था।
सूचना पर तड़के करीब पांच बजे पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से पूछताछ के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कल्यानपुर थानाक्षेत्र के गौसपुर गांव निवासी महिला सिपाही रिंकी राजपूत की तैनाती उरई में थी। 27 अगस्त की रात रिंकी के पिता प्रेम सिंह, भाई अंकित और मामा देशराज ने रिंकी के पति मनीष की उरई में हत्या कर दी थी।
29 अगस्त को रिंकी गौसपुर गांव पहुंची और पति के अंतिम संस्कार के बाद अपने ससुराल में दो दिन रुकने के बाद वापस उरई चली गई थी। जहां से पांच सितंबर को लौटकर आई और गाजीपुर के लोहटा गांव स्थित ममिया ससुर रामस्वरूप के घर में रहने लगी। रामस्वरूप ने बताया कि मनीष की हत्या के बाद से रिंकी किसी से भी बात नहीं कर रही थी।
बहुत थोड़ा सा खाना ही खाती थी। गुरुवार रात को खाना खाने के बाद वह कमरे में चली गई। सुबह करीब साढ़े चार बजे जब उन लोगों की नींद खुली और रिंकी को कमरे में देखा तो उसका शव छत के कुंडे से दुपट्टे के सहारे झूल रहा था।
गाजीपुर पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा और तलाशी में उन्हें दरवाजे पर ही फंसा हुआ सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने पति के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजाने दिलाने, बेटे का पालन पोषण करके उसे इंजीनियर बनाने और पति के स्थान पर ही उसका भी अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई थी।