मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन पर लगाए गए एक रुपये का जुर्माना जमा कर दिया, लेकिन साथ-साथ यह भी कहा है कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार कर रहे हैं। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडियाकर्मियों से बात की और कहा कि वह आज शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करने जा रहे हैं।
प्रशांत भूषण ने शनिवार को एक याचिका दायर की, जिसमें मूल आपराधिक अवमानना मामलों के खिलाफ अपील का अधिकार था। याचिका में उन्होंने मांग की है कि उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी और अलग बेंच द्वारा सुनवाई की जानी चाहिए।
वकील कामिनी जायसवाल के माध्यम से दायर याचिका में प्रशांत भूषण ने आपराधिक अवमानना मामलों में मनमाना, तामसिक और उच्च-स्तरीय निर्णय की संभावना को कम करने के लिए प्रक्रियात्मक परिवर्तन का सुझाव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भूषण को सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना करने वाले अपने ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया। अदालत ने 31 अगस्त को सजा के रूप में एक रुपए का टोकन जुर्माना लगाया था।
भूषण को 15 सितंबर तक उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के साथ राशि जमा करने के लिए कहा गया था, जिसमें विफल रहने पर उन्हें तीन महीने की जेल की अवधि और तीन साल के लिए कानून के व्यवहार से विचलन से गुजरना होगा।