नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवाती तूफान महा जो कि पूर्व-मध्य अरब सागर पर था, पिछले छह घंटों में 19 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है। अगले 24 घंटों के दौरान इसकी उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और शनिवार से सोमवार के बीच पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर, इसके बाद ये पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर दक्षिण गुजरात तट की तरफ फिर से बढ़ेगा। इस दौरान राज्य में भारी बारिश हो सकती है। वहीं महाराष्ट्र के नासिक में कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मनमाड और मालेगांव क्षेत्रसड़कों पर और लोगों के घरों में पानी भर गया है। मौसम विभाग के अनुसार महा 4 नवंबर तक पश्चिम उत्त और दक्षिण गुजरात की ओर पूर्व-उत्तर में और महाराष्ट्र के समीपवर्ती तटों पर फिर से बढ़ने की संभावना है। मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने आगे पूर्वानुमान लगाया कि पश्चिम-मध्य अरब सागर पर अवसाद भी पिछले छह घंटों के दौरान 24 किमी प्रति घंटे की गति के साथ पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। अगले 12 घंटों के दौरान यह पश्चिम-मध्य अरब सागर में दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने और अवसाद की तीव्रता बनाए रखने की बहुत संभावना है और इसके बाद कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर हो सकता है। इसके अलावा, थाइलैंड की खाड़ी और पड़ोस में चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में 3 नवंबर को उत्तर अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
तमिलनाडु में बारिश के बाद बढ़ा नदी का जलस्तर
शुक्रवार को तमिलनाडु के मदुरै में बारिश के कारण वैगई नदी का जलस्तर बढ़ गया था। मौसम एजेंसी के मुताबिक, लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में भी भारी से हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। मछुआरों को लक्षद्वीप क्षेत्र और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में प्रवेश नहीं करने की सलाह दी। वहीं, लक्षद्वीप के कलपेनी द्वीप पर गुरुवार भारी बारिश के काफी तबाही हुई। मौसम विभाग ने गुरुवार को ही मध्य अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर गंभीर चक्रवाती तूफान माहे को लेकर चेतावनी जारी की थी।