मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की जरूरत है। उत्तर प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है। हम एक उम्दा फिल्म सिटी तैयार करेंगे। फ़िल्म सिटी के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे का क्षेत्र बेहतर होगा। यह फ़िल्म सिटी फ़िल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगी। साथ ही, रोजगार सृजन की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी प्रयास होगा। इस दिशा में भूमि के विकल्पों के साथ यथाशीघ्र कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने आवास पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये मेरठ मंडल के जिलों मेरठ, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में जनप्रतिनिधिगण और मंडल के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित थे। मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए प्रस्तावित केंद्र के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। मेरठ के हस्तिनापुर ब्लॉक में सोती नदी के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने नदी और तालाब पुनर्जीवन के लिए मनरेगा को माध्यम बनाने की ज़रूरत बताई।
स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में न हो देर, दें प्राथमिकता:
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ व गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना महत्वपूर्ण है। इसे शीघ्रता से प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि सेफ सिटी परियोजना के कार्य को तत्परता से पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर घर में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें शिथिलता कतई स्वीकार्य नहीं है।
नए सत्र के प्रारंभ के समय कुछ भी न रहे बकाया
गन्ना किसानों को हुए भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नया पेराई सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछला सारा बकाया भुगतान हो जाए। मंडलायुक्त ने बताया कि पेराई सत्र 2018-19 का ₹ 4573.50 करोड़ का गन्ना मूल्य देय था, जिसका शतप्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त बीते 3 सितंबर तक गत पेराई सत्र 2018-19 के सापेक्ष 190.17 लाख कुन्तल अधिक गन्ने की पेराई की गई, जिसके लिए 169.40 करोड़ रुपये का अधिक गन्ना मूल्य भुगतान किया गया। पेराई सत्र 2019-20 में कुल देय 5190.19 करोड़ के सापेक्ष 17 सितंबर तक 3354.08 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने शेष राशि के भुगतान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। एक्सप्रेस-वे से मिलेगी विकास को रफ्तार: समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बना रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि यह कार्य दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण होने कर लिया जाए।
जब तक वैक्सीन नहीं तब तक बचाव ही कोरोना का उपचार:
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए फील्ड स्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक इस रोग की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।
क्षमतावान कार्यदायी संस्था को ही दें काम:
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त मैनपावर वाली एजेन्सियां ही कार्यदायी संस्था के रूप में कार्य करें। जिनके पास अपेक्षित संख्या में मैन पावर उपलब्ध न हो, उन्हें कार्यदायी संस्था न बनाया जाए।
जनप्रतिनिधियों से परामर्श लेते रहें अधिकारी:
समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए। सांसद सत्यपाल सिंह ने कोविड काल में जन स्वास्थ्य के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया तो सांसद जनरल वीके सिंह ने पेयजल की सुविधा दुरुस्त करने की जरूरत बताई। सांसद भोला सिंह ने गन्ना किसानों के भुगतान की मांग रखी। साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा ने एक नवीन चिकित्सालय की जरूरत बताई। मेरठ से विधायक सत्यवीर त्यागी ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए अनुरोध किया, तो बागपत के छपरौली से विधायक ने अपने क्षेत्र के कन्या इंटर कॉलेज को महाविद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने की मांग रखी। डिबाई की विधायक ने अपने क्षेत्र में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण को शीघ्र पूर्ण करने की मांग की तो, विधायक सिकंदराबाद विमल सिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री की ईमानदारी को प्रेरक बताते हुए ग्रामीण स्तर पर अधिकारियों में भ्रष्टाचार की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने ऐसे अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा और भरोसा दिलाया कि इनके विरुद्ध कार्रवाई ज़रूर होगी।