नई दिल्ली। केले का पौधा उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगता है। इसकी खेती भारत सहित कैरेबियन देशों में अधिक की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले मलेशिया में केला पाया गया था। जबकि खपत के मामले में सबसे आगे युगांडा है। हालांकि, भारत में यह फल प्राचीन काल से फलता-फूलता रहा है। सनातन धार्मिक ग्रंथों में इसका सचित वर्णन है। जबकि भगवान विष्णु को केला सबसे अधिक प्रिय है। इसके लिए गुरुवार के दिन केले के पौधे की पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में विष्णु जी वास करते हैं। आज भी भारत में लोग केले के पत्ते पर भोजन ग्रहण करते हैं। सेहत की दृष्टिकोण से केला बहुत फायदेमंद फल है। इसके सेवन से शरीर को त्वरित ऊर्जा की प्राप्ति होती है। जबकि केला खाने से वजन भी बढ़ता है। दुबले-पतले लोगों के लिए केला किसी दवा से कम नहीं है। इसके साथ ही केले का फूल भी सेहत के लिए लाभदायक होता है।
इसके सेवन से डायबिटीज रोग में आराम मिलता है। कई शोधों में खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के मरीजों को केले के फूल का सेवन जरूर करना चाहिए। अगर आपको इसके फायदे नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि कैसे यह डायबिटीज में मददगार साबित होता है-
एक रिसर्च लेख के अनुसार, केले के फूल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज बनता है। इसके सेवन से ग्लूकोज बहुत कम बनता है। जबकि इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो डॉयबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
ऐसे में डायबिटीज के मरीज केले के फूल का सेवन कर सकते हैं। खासकर केले के फूल के पकौड़े बेहद स्वादिष्ठ होते हैं। अगर आपने कभी कोशिश नहीं की है, तो एक बार जरूर केले के फूल के पकौड़े बनाकर सेवन करें। आप चाहे तो इसे उबालकर भी सेवन कर सकते हैं। जबकि इसकी सब्जी भी बना सकते हैं।