लखनऊ। बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण सोमवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित तीन दर्जन से अधिक मंत्रियों और करीब 150 विधायक, विधान परिषद सदस्यों के सरकारी आवास सहित राजधानी की बिजली सप्लाई ठप हो गई। वीवीआईपी इलाकों में बिजली गुल होने से पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से लेकर शासन स्तर तक हड़कंप मच गया, लेकिन बिजली अभियंताओं ने विद्युत आपूर्ति बहाल करने से मना कर दिया। आनन-फानन मध्यांचल निगम के एमडी सूर्यपाल गंगवार ने निदेशक (तकनीकी) सुधीर कुमार को कूपर रोड उपकेंद्र भेजा। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वैकल्पिक स्त्रोत से बिजली सप्लाई बहाल हुई।
लेसा के राजभवन डिवीजन के अंतर्गत कूपर रोड उपकेंद्र में सुबह करीब 11 बजे बिजली सप्लाई ठप हो गई। इससे विक्रमादित्य मार्ग, माल एवेन्यू, गुलिस्तां कॉलोनी, महिला विधायक आवास, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सहित कई वीआईपी इलाकों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। इससे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, मोहसिन रजा, मुकुट बिहारी वर्मा, अनिल राजभर सहित तीन दर्जन से अधिक मंत्रियों के सरकारी आवास की बिजली गुल हो गई। इसके अलावा 150 से अधिक विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व मंत्री, न्यायाधीश व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बगैर बिजली के रहना पड़ा। साथ ही मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम, समाजवादी पार्टी कार्यालय, कांग्रेस मुख्यालय, वीआईपी गेस्ट हाउस में बिजली सप्लाई न होने से काफी दिक्कत हुई।
अभियंताओं ने फोन नहीं उठाए
बिजली गुल होते ही मंत्रियों और विधायक आवास से उपकेंद्र पर फोन आने लगे, लेकिन किसी कर्मचारी ने नहीं उठाया, इससे परेशान लोगों ने अवर अभियंता, एसडीओ और अधिशासी अभियंता से सम्पर्क साधा, लेकिन सभी ने कार्य बहिष्कार का हवाला देकर बिजली फाल्ट ठीक करने से मना कर दिया। इससे पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मध्यांचल निगम के निदेशक (तकनीकी) सुधीर कुमार उपकेंद्र पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बिजली सप्लाई बहाल की। वहीं गोमतीनगर, इंदिरानगर, विकासनगर, आलमबाग, जानकीपुरम, फैजुल्लागंज सहित राजधानी के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।
गोमतीनगर ट्रांसमिशन से कूपर रोड उपकेंद्र को आने वाली विद्युत लाइन ब्रेकडाउन हो गई थी। इससे कई मंत्रियों, विधायकों सहित कई जनप्रतिनिधियों की बिजली सप्लाई बाधित हुई थी। जिसके बाद निदेशक (तकनीकी) को उपकेंद्र भेजकर वैकल्पिक स्त्रोत से बिजली सप्लाई चालू कराई।