कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को योगी सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार ऐसे करीब साढ़े तीन लाख शिक्षकों को आर्थिक सहायता देने पर मंथन कर चुकी है। इस पर अमल के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी खर्च का आकलन कर रहे हैं।
प्रदेश के 20 हजार 558 वित्तविहीन स्कूलों में साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। कोरोना के चलते इन स्कूलों में सत्र 2020-21 का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। अभिभावकों को राहत देने के लिए सरकार ने इन विद्यालयों से किसी भी विद्यार्थी को फीस जमा न करने पर निकालने व ऑनलाइन क्लास से वंचित करने पर रोक लगा दी है।
इस आदेश के बाद 30 से 40% तक अभिभावक नियमित फीस जमा नहीं करा रहे हैं। इसके चलते कई स्थानों पर स्कूल प्रबंधन ने शिक्षकों के वेतन में 50% की कटौती की है। सैकड़ों स्कूलों में वेतन तक नहीं दिए जा रहे हैं। इसे लेकर 2 व 3 अक्तूबर को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंथन किया।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि शिक्ष्ाकों को आर्थिक राहत देने पर विचार किया गया है। उनकी संख्या, आर्थिक सहायता की राशि व सरकार पर बोझ का आकलन शुरू किया गया है। विभाग जल्द अपनी रिपोर्ट सीएम के समक्ष प्रस्तुत करेगा। इसके बाद अंतिम निर्णय होगा।