हाथरस मामले में आखिरकार 7 दिन बाद सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 3 अक्टूबर को हाथरस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने का आदेश दिया था। वहीं, राज्य सरकार ने 30 सितंबर को तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया था।
एसआईटी को 7 दिन में सौंपनी थी रिपोर्ट
एसआईटी को 7 दिन में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी थी, लेकिन 7 अक्टूबर को एसआईटी का कार्यकाल 10 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। इस मामले पर विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए थे। अभी एसआईटी ने 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि केस सीबीआई के हाथ में आने के बाद एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी या बंद कर देगी।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में है 12 अक्टूबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं पर और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 12 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस मामले का खुद नोटिस में लिया था।
क्या है पूरा मामला?
शिकायत के मुताबिक, हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।