नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सभ्य देश में ऐसा नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा- ‘प्रदूषण से हर साल दिल्ली में हालात बदतर हो जाते हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे। हर साल ऐसा ही हो रहा है और पिछले 10-14 साल से भी ऐसा हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए,जिंदगी का अधिकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।’ पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से वस्तुस्थिति की रिपोर्ट के साथ पेश होने को कहा था। इस दौरान नाराज कोर्ट ने कहा कि आधे घंटे में विशेषज्ञ को बुलाओ। आईआईटी से विशेषज्ञ के अलावा मंत्रालय से किसी को बुलाओ जो कोर्ट को बताए कि प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएं।
सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि ग्राम प्रधान से लेकर राज्यों के मुख्य सचिवों तक को समन जारी होगी। साथ ही यह भी कहा कि जो स्थानीय पुलिस पराली जलाने पर लगाम लगाने में नाकाम हैं, उन्हें उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए।
पंजाब और हरियाणा को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण पर पंजाब और हरियाणा को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि हर साल पराली जलती है। ये क्यों हो रहा है?राज्य सरकार क्या कर रही है। इसे तुरंत रोको। इसके उल्लंघन पर ऊपर से नीचे तक जिम्मेदारी तय होगी।
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली-एनसीआर में लगातार हालात खराब हो रहे हैं। सोमवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर (Air quality Index) 500 के आसपास बना हुआ है, तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद में भी 500 के आसपास ही है।
इससे पहले शनिवार शाम और रविवार सुबह हुई हल्की बारिश दिल्ली-एनसीआर वासियों के लिए राहत के बजाय आफत बन गई। सड़कों पर दिनभर स्मॉग का कहर रहा। घरों में भी लोगों ने घुटन महसूस की। धुंध और धुएं ने पूरे उत्तर भारत में जनजीवन पर बुरा असर डाला।