जिन वाहनों में रेत सहित निर्माण सामग्री लादकर ले जाया जा रहा है और उन्हें ढंका नहीं गया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। साथ ही जिन वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं है, उनके खिलाफ भी सख्ती बरती जा रही है। ट्रैफिक पुलिस अगले सप्ताह राजधानी के अन्य इलाकों में भी इस अभियान को आगे बढ़ाएगी।
सड़क पर पार्क वाहनों पर भी नजर
ट्रैफिक पुलिस सड़क के आसपास पार्किंग में काफी दिनों से खड़े वाहनों के खिलाफ भी अभियान चला रही है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, विवेक विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी व द्वारका सहित जिन इलाकों में प्रदूषण ज्यादा है, वहां अभियान तेज कर रही है।
जागरूक भी कर रही
एक तरफ जहां कार्रवाई की जा रही है वहीं प्रदूषण से बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रही है। इसके लिए जगह-जगह प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र लेने सहित वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जानकारी मुहैया कराया जा रहा है। कहीं पम्पलेट बांटे जा रहे हैं तो कहीं एनाउंसमेंट का सहारा लिया जा रहा है। कुछ जगहों पर पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।
नियम
नियम के मुताबिक, दिल्ली में हर तीन महीने के बाद पीयूसी टेस्ट कराना अनिवार्य है। परीक्षण के बाद वाहन मालिक को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र दिया जाता है। मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 गत एक सितंबर से प्रभावी है, जिसके तहत प्रदूषण संबंधी नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार 1,000 रुपये और दूसरी बार 2,000 रुपये का चालान किया जा सकता है, जबकि इस संबंध में 10,000 रुपये के चालान का भी प्रावधान है।