लखनऊ विधानसभा के टंडन हाल में राज्यसभा के लिए सपा प्रत्याशी रामगोपाल यादव ने नामांकन किया। नामांकन के दौरान सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व अन्य मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के चुनाव राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव का कारण बनने जा रहे हैं। ये भाजपा की संख्या में जबरदस्त इजाफा करेंगे जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस को तगड़ा झटका देने जा रहे हैं। कोई बड़ा उलटफेर न हुआ तो विधानसभा का दलीय आंकड़ा देखते हुए इस चुनाव में भाजपा की झोली में दस में से नौ सीटें आने की पूरी उम्मीद है वहीं सपा को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है।
बसपा और कांग्रेस का खाता खुलना मुश्किल लग रहा है। चुनाव प्रक्रिया 20 अक्तूबर से शुरू होगी है और चुनाव 9 नवंबर को होंगे। जिन दस सीटों के सदस्यों का 6 वर्ष का कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा होने जा रहा है, उनमें सपा के पास चार, बसपा के पास दो, कांग्रेस के पास एक और भाजपा के पास तीन सीटें हैं। सपा के चार सदस्यों में जावेद अली खां, प्रो. रामगोपाल यादव, डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव और रविप्रकाश वर्मा शामिल हैं।
बसपा के राजाराम और वीरसिंह तथा कांग्रेस के पीएल पुनिया का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। भाजपा के तीन सदस्यों में नीरज शेखर, अरुण सिंह और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी शामिल हैं। इनमें भाजपा के तीनों सदस्यों की वापसी के साथ सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल का राज्यसभा में पहुंचना तय है। सपा ने प्रो. राम गोपाल को उम्मीदवार घोषित भी कर दिया है।