नई दिल्ली। देश की सर्विस इंडस्ट्री में लगातार दूसरे महीने संकुचन देखने को मिला है। अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने सर्विस पीएमआई में गिरावट आई है। डिमांड के घटने के कारण सर्विस पीएमआई में गिरावट आई है। मंगलवार को एक निजी बिजनेस सर्वे में पता लगा है कि बिजनेस ऑप्टिमिज्म तीन साल के न्यूनतम स्तर पर है, जो कि सर्विस इंडस्ट्री के लिए काफी नुकसानदेय है।
हालांकि, Nikkei/IHS मार्केट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सितंबर के 48.7 की तुलना में अक्टूबर में बढ़कर 49.2 हो गई है। इंडेक्स के अनुसार, संकुचन बढ़ने से रुका है, लेकिन इंडेक्स अभी भी 50 से नीचे ही है। इससे पहले सर्विस एक्टिविटी में अगस्त 2017 में लगातार दो महीने संकुचन देखने को मिला था। यह वह समय था जब जीएसटी लागू हुआ था।
आईएचएस मार्केट के प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट Pollyanna De Lima ने एक प्रेस रिलीज में कहा, ‘यह चिंताजनक है कि भारतीय सर्विस सेक्टर संकुचन से गुजर रहा है। डिमांड रुकने की वजह से बिजनेस एक्टिविटी में कमी आने के कारण ऐसा हो रहा है।’
साथ ही सर्वे में पाया गया है कि रिज़र्व बैंक द्वारा इस साल ब्याज दरों में 135 आधार अंकों की कटौती करने और सरकार द्वारा हाल में की गई सुधार घोषणाओं के कारण बिजनेस एक्टिविटी को मामूली सहारा मिला है।
मांग के कम होने के कारण इनपुट लागत में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। यह इस साल तेजी से बढ़ी है, जिससे लाभ घट रहा है।
आईएचएस मार्केट के प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट ने कहा कि मांग इतनी कम है कि नया काम नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम आने वाले महीनों में सेलिंग प्राइज में डिस्काउंट देख सकते हैं। यह कंपीटिटिव प्रेशर बनने के कारण नजर आएगा।