कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन ग्यारहवें दिन भी जारी है। कल दिल्ली के विभान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच की पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इससे पहले ही किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया था। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है।
कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता पवन खेरा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘कांग्रेस ने आठ दिसबंर को भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। हम अपने पार्टी कार्यालयों पर बंद को लेकर प्रदर्शन करेंगे। यह किसानों को राहुल गांधी के समर्थन को मजबूत करने वाला कदम होगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन सफल हो।’
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। राहुल ने कहा था कि सरकार को किसानों की मांगें माननी होंगी और काले कानून को वापस लेना होगा। उन्होंने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए था कि जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है। सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती।
साथ ही राहुल गांधी ने शनिवाप रो ट्वीट कर कहा, ‘बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।’