नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 17वां दिन है। सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पंजाब-हरियाणा समेत कई जगहों पर किसानों द्वारा टोल फ्री कराए जाने के बाद अलग-अलग राज्यों से किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर कूच करने लगे हैं। करनाल में किसानों ने शुक्रवार देर रात से ही बस्तारा टोल प्लाजा को बंद कर दिया है। वहीं, किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के सभी हाइवे और टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
किसानों ने ऐलान किया था कि पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने दिए जाएंगे, जो धरने में शामिल नहीं होगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे रोका जाएगा और 12 तारीख को एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश : एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि अभी तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है और साथ-ही साथ कोई शरारती तत्व किसानों के बीच घुसकर अव्यवस्था न फैलाए, हम इसका भी ध्यान रख रहे हैं। जो लोग अशांति फैलाना चाहते हैं और प्रदर्शन को हिंसात्मक रूप देना चाहते हैं उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
नोएडा : सिर मुंडवाने के बाद सैकड़ों किसान दलित प्रेरणा स्थल से भाजपा सांसद महेश शर्मा का घेराव करने के लिए रवाना।
नोएडा : कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन के बीच दलित प्रेरणा स्थल पार्क में ठहरे भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के सदस्यों ने सिर मुंडवाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
यूपी गेट : भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बिल में संशोधन मंजूर नहीं है। बिल वापसी ही रास्ता है। बीच का कोई रास्ता उन्हें नहीं चाहिए। जब किसान दिल्ली के बाहर सड़क पर आ गया तब जाकर सरकार मिली है। टिकैत ने कहा कि यहां रोटी गुरुद्वारे से मिल रही तो फंडिंग का आरोप लग रहा है। आरोप लगाने वाले बताएं गुरुद्वारों ने लॉकडाउन में लाखों लोगों का पेट भरा है तब फंडिंग का सवाल कहां था। हम घर भी 4 रोटी खा रहे थे यहां भी 4 रोटी ही खा रहे हैं। फंडिंग का सवाल क्यों उठाया जा रहा है?
फरीदाबाद : फरीदाबाद जिले में किसानों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे सहित सभी टोल प्लाजा पर 3500 तैनात किए गए हैं। फरीदाबाद में फिलहाल सब कुछ सामान्य है। फरीदाबाद पुलिस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने किसान नेताओं पर खुफिया एजेंसी और अपने मुखिबरों के जरिये नजर बना रखी है ताकि जैसे ही किसान कही एकत्रित होंगे तो उनको मौके पर ही रोक दिया जाएगा। कर्मचारी नेता पहले ही पुलिस पर उनके नेताओं को नजरबंद करने का आरोप लगा चुके हैं। इसको लेकर शुक्रवार को कर्मचारी संगठनों ने लघु सचिवालय सेक्टर-12 के बाहर प्रदर्शन भी किया था।
सपा नेता नरेश उत्तम अग्रवाल ने कहा कि रोज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता किसानों की आय दोगुनी करने की बातें करते हैं, लेकिन मोदी जी ने किसानों की दुर्दशा कर दी है। किसान अपने द्वारा पैदा की गई फसल का सही दाम नहीं पा सकता तो फिर ये किस तरह का लोकतंत्र है?