नई दिल्ली। टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली सिर्फ क्रिकेट या स्टाइल ही नहीं, बल्कि फिटनेस के मामले में भी अव्वल हैं। कोहली एक ऐसे कप्तान हैं जिनकी फिटनेस की दीवांगी को देखकर टीम के अन्य खिलाड़ियों ने भी वर्कआउट को ट्रेनिंग का अहम हिस्सा बना लिया है। भारतीय टीम के युवा खिलाड़ी न सिर्फ बल्लेबाज़ी बल्कि हेल्दी लाइफस्टाइल की प्रेरणा भी विराट से ही लेते हैं। वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो सही मायनों में युवाओं के आइकन हैं।
क्या आप जानते हैं कि विराट सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर्स में से एक हैं। हालांकि, विराट को ऐसी फिटनेस यूं ही नहीं मिली, उन्होंने इसे पाने के लिए लगातार कोशिशों के साथ कड़ी मेहनत भी की है। विराट ने एक इंटरव्यू में खुद माना कि वो
खाने के बहुत शौकीन हैं और आसानी से वज़न बढ़ा भी लेते हैं। इसलिए फिट रहने के लिए उन्हें सख्ती से डाइट प्लान फॉलो करना होता है और फिर घंटों जिम में पसीना भी बहाना होता है। विराट अपनी फिटनेस को लेकर कोई समझौता नहीं करते। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि विराट कोहली जैसी फिटनेस आप कैसे पा सकते हैं?
विराट कोहली कई बार अपनी फिटनेस के बारे में खुल कर बता चुके हैं। अगर आप भी विराट कोहली जैसी फिटनेस और बॉडी पाना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं उनके वर्कआउट रूटीन के बारे में:
विराट ने अपने खानपान में साल 2012 के बाद बदलाव किए। असल में फॉर्म के लिहाज़ से आईपीएल 2012 विराट के लिए बेहद खराब साबित हुआ था। जिसके बाद उन्होंने फिटनेस को लेकर बड़ा फैसला किया। उन्होंने ठान लिया कि कड़े वर्कआउट के साथ उन्हें खाने-पीने में भी बड़े बदलाव करने होंगे।
वर्कआउट
एक इंटरव्यू के दौरान कोहली ने बताया कि अगर आपको तीनों फॉरमेट खेलने हैं तो फिटनेस बेहद ज़रूरी है वरना आप बहुत जल्दी इंजर्ड हो सकते हैं। इसलिए विराट चाहे टूर पर हों या ऑफ-टूर, वो वर्कआउट मिस नहीं करते। विराट जब क्रिकेट टूर पर नहीं होते हैं तो हफ्ते में 5 दिन दो घंटे वर्कआउट करते हैं। टूर के दौरान भी वर्कआउट के लिए टाइम ज़रूर निकालते हैं। कोहली का कहना है कि अगर आपको फिट रहना है तो आपको ‘खाना, सोना, ट्रेनिंग’ और फिर इसे हर दिन दोहराना पड़ेगा। विराट ने बताया कि क्रिकेट ऑफ सीज़न के दौरान कभी-कभी वो 4 घंटे के लिए भी ट्रेनिंग करते हैं। उनका कहना है कि ये सब आपके मेटाबॉलिज़म पर निर्भर करता है। विराट का मेटाबॉलिज़म हार्दिक पंड्या, शिखर धवन या केएल राहुल की तरह नहीं है…इन तीनों का फिज़िक लीन है,जबकि उनके साथ ऐसा नहीं है। उन्हें फिट रहने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ट्रेनिंग और मेहनत के अलावा उन्हें अपनी डाइट का भी ख़ास ख्याल रखना पड़ता है। अगर वह ऐसा न करें तो ट्रेनिंग करने का कोई फायदा नहीं मिलेगा।