कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का गुरुवार को 43वां दिन है। किसानों ने दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकाला। उनका दावा था कि इस मार्च में 60 हजार ट्रैक्टर शामिल हुए। मार्च में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। यह मार्च सिंघु बॉर्डर से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला गया।
किसानों के मार्च को देखते हुए पुलिस ने कुंडली-मानेसर-पलवल टोल प्लाजा पर सुरक्षा बढ़ा दी।
गाजियाबाद के ADM (सिटी) शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि किसानों के मार्च को देखते हुए पर्याप्त पुलिस लगाई, वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।
26 जनवरी को किसान परेड की तैयारी
किसानों का कहना है कि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर परेड होगी। आज का मार्च उसी का ट्रेलर है। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के लिए दिल्ली बुलाया है।
यही अपील UP के किसानों ने की है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की अगुआई महिलाएं ही करेंगी। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।
किसानों की सरकार से कल बातचीत
किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होगी। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।
सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को सुनवाई
कृषि कानून रद्द करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। साथ ही कहा कि किसानों की हालत समझते हैं। अब 11 जनवरी को सुनवाई होगी। उधर, पंजाब के CM अमरिंदर सिंह ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।