कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के समर्थन में पंजाब के फिरोजपुर में बाबा नसीब सिंह मान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्याकर ली। वे 20 दिसंबर को प्रदर्शन में शामिल हुए थे, तभी कहा था कि किसानों के मुद्दे का हल नहीं निकला तो जान दे देंगे। बताया जा रहा है कि मान का भाई खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा हुआ था।
आंदोलन से जुड़े 57 लोगों की जान गई
किसान आंदोलन में अलग-अलग वजहों से अब-तक 57 लोगों की मौत हो चुकी। इनमें से कुछ ने सुसाइड कर ली, कुछ लोगों को हार्ट अटैक आया था। कई लोगों की जान बीमार होने की वजह से चली गई।
भाजपा सांसद का आरोप- प्रदर्शन में बिचौलिए शामिल
कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। इस बीच भाजपा सांसद एस मुनिस्वामी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रदर्शन में शामिल लोगों को पैसे देकर लाया गया है। उनमें बिचौलिए और फर्जी किसान शामिल हैं। वे पिज्जा-बर्गर खा रहे हैं, वहीं पर जिम बना ली है। यह ड्रामा बंद होना चाहिए।
किसानों की सरकार से 15 जनवरी को मीटिंग
इससे पहले 9 दौर की बैठकों में सिर्फ एक का नतीजा निकला था। आखिरी मीटिंग 8 जनवरी को हुई थी, जिसमें किसानों ने तल्खी दिखाते हए सरकार से कहा था कि आपका मन मुद्दा सुलझाने का नहीं है तो लिख कर दे दीजिए, हम चले जाएंगे। किसान इस बात पर अड़े हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं।