गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित चार अन्य लोगों को वाराणसी के भेलूपुर थाने में आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमकाने सहित अन्य आरोपों में अदालत के आदेश से दर्ज मुकदमे में पुलिस ने राहत दी है। पुलिस का कहना है कि विवेचना में चारों के खिलाफ कोई पुष्टिकारक साक्ष्य न मिलने पर उनकी नामजदगी गलत पाई गई है। इसके अलावा अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना प्रचलित रहेगी।
वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-3 के आदेश से गौरीगंज निवासी गिरिजा शंकर जायसवाल के प्रार्थना पत्र पर सुंदर पिचाई सहित 18 लोगों के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। गिरिजा शंकर जायसवाल के अनुसार, उनके व्हाट्सएप ग्रुप पर देश विक्रेता के नाम से एक वीडियो आया।
वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में देश बेचने सहित अन्य प्रकार की अमर्यादित बात की गई थी। वीडियो के संबंध में गायक विशाल गाजीपुरी उर्फ विशाल सिंह बादल से उन्होंने बात की कि ऐसा क्यों किया है। यदि प्रधानमंत्री से कोई शिकायत है तो सुप्रीम कोर्ट में शिकायत करें और अगर गलत बात करेंगे तो प्रशासन आपको सजा देगा।
इसी बात को लेकर गाजीपुर के नोनहरा थाना के विशुनपुरा निवासी विशाल गाजीपुरी ने उनके खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया। इसके साथ ही उनका नंबर यूट्यूब पर डाल दिया। जिसके बाद से उनके फोन पर लगभग 8500 धमकी भरी कॉल आई और वह परेशान हो गए।
गिरिजा शंकर ने बताया की गाजीपुर स्थित एक स्टूडियो में विशाल और उसके सहयोगियों ने ऐसे ही कई अन्य आपत्तिजनक और अमर्यादित गाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में गाए हैं। इसके साथ ही विशाल और उसके अन्य साथी हिंदू धर्म के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं और उनसे रंगदारी भी मांगते हैं। प्रकरण की शिकायत एसएसपी से की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो वह अदालत की शरण में गए।