महंगाई से जूझ रही जनता पर अगले महीने यानी अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 से बोझ और भी बढ़ जाएगा। अधिकतर एलईडी टीवी उत्पादक कंपनियां पहले ही दाम बढ़ाने की बात कर चुकी हैं। अब बीमा कंपनियां भी टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम महंगा करने की तैयारी कर रही हैं। साल 2020 में लोगों के लिए स्वास्थ्य और जीनव बीमा का महत्व बढ़ा है। कोरोना काल में लोग इंश्योरेंस की ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं। जिन लोगों ने पहले से ही बीमा करा रखा था, वे अब हेल्थ इंश्योरेंस का दायरा बढ़ा रहे हैं। लेकिन अगले महीने से आपको इंश्योरेंस महंगा पड़ सकता है।
कितना महंगा हो सकता है टर्म इंश्योरेंस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीवन बीमा कराने की लागत 10 से 15 फीसदी तक बढ़ सकती है। दरअसल कोरोना वायरस महामारी के चलते इंश्योरेंस कंपनियों नुकसान हुआ है। इस दौरान दौरान कंपनियों की बीमा लागत और खर्च काफी बढ़ गई है। जिसकी वजह से लाइफ कवर लेना महंगा होने वाला है। मालूम हो कि इस बढ़त का असर पॉलिसी लेने वाले नए ग्राहकों पर होगा। पुराने ग्राहकों के लिए जो प्रीमियम तय किया गया था, उन्हें उसी का भुगतान करना होगा।
क्यों महंगा हो रहा है टर्म इंश्योरेंस?
टाटा एआईए, एगॉन लाइफ, मैक्स लाइफ, पीएनबी मेटलाइफ, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और इंडियाफर्स्ट लाइफ ने अगले वित्त वर्ष से बढ़ी हुई कीमतों के साथ नए टर्म इंश्योरेंस उत्पाद लॉन्च करने की अनुमति लेने के लिए बीमा नियामक इरडा के पास आवेदन किया है। बीमा कंपनियों का कहना है कि उनको अपना प्रीमियम बढ़ाना होगा क्योंकि कोरोना के दौरान री-इंश्योरेंस महंगा हो गया है। हालांकि कोविड-19 के आने से पहले ही री-इंश्योरेंस की दरें भारतीय जीवन बीमा कंपनियों के लिए बढ़ रही थीं क्योंकि वश्विक अंडरराइटर्स ने देश में री-इंश्योरेंस की बेहद कम दरों पर चिंता जताई थी। री-इंश्योरेंस की दरों में बढ़ोतरी ऐसे वक्त में हुई है, जब जीवन बीमा कंपनियां के पास महामारी के चलते अनुमान से अधिक मृत्यु दावे आ रहे हैं।
क्या है टर्म इंश्योरेंस?
टर्म इंश्योरेंस किफायती इंश्योरेंस प्लान होते हैं जो आपके प्रियजनों को किसी भी आकस्मिक घटना की स्थिति में पूरी सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता देते हैं। पॉलिसी अवधि में बीमाधारक की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को अच्छी रकम मिलती है। टर्म इंश्योरेंस अपने परिवार को लंबे समय तक सुरक्षा देने का सबसे किफायती तरीका है।