लखनऊ। नगर निगम में ठेका प्रथा पर तैनात सफाई कर्मचारियों से काम लेने में बड़ा खेल चल रहा है। 70 करोड़ के सलाना ठेके में बजट को हजम करने में अधिकारी से लेकर कर्मचारी, ठेकेदार और कुछ पार्षद भी लगे हैं। अब नगर निगम ने तय किया है कि अगर किसी भी कर्मचारी गैरहाजिर मिला तो ठेकेदार के भुगतान से उस कर्मचारी का पूरा मानदेय काटा जाएगा। इस आदेश के बाद सफाई के खेल में नगर निगम का कोष साफ करने में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया है।
सफाई कार्य में लापरवाही करने पर तीन कार्यदायी संस्थाओं को नगर निगम ने काम से हटा दिया है। इन पर कुल 15 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने रिपोर्ट के आधार पर यह काररवाई की है। नगर आयुक्त ने बताया कि अगर निरीक्षण में कोई भी सफाई कर्मी गायब मिला तो ठेकेदार से उस कर्मचारी के पूरे माह के मानदेय की कटौती की जाएगी।
राजा बिजली पासी वार्ड में सफाई का ठेका शार्क ऑटैकिंग के पास है। निरीक्षण में वार्ड में गंदगी मिली थी और उस पर 11 लाख का जुर्माना लगाने के साथ ही अनुबंध खत्म कर दिया गया है। बाबू बनारसी दास वार्ड में रायश्री संस्था से काम वापस लेते हुए तीन लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस संस्था के ठेकेदार वीरेंद्र राय ने शिकायत करने पर सफाई एवं खाद्य निरीक्षक संजीव कुमार को मीटिंग में धमकाया था। शंकरपुरवा वार्ड में कार्यरत मदर स्वच्छकार संस्था पर एक लाख का जुर्माना लगाने के साथ ही अनुबंध खत्म कर दिया गया है।